अदालत

राहुल गांधी की नागरिकता: हाईकोर्ट ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के मामले में दायर याचिका पर निर्णय प्रस्तुत करने के लिए और समय दिया। याचिका में 2024 के संसदीय चुनाव में उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने की मांग की गई है।
लखनऊ पीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में की जाएगी।
याचिका का आधार
यह जनहित याचिका (PIL) कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने अपनी ब्रिटिश नागरिकता को छिपाया और इसलिए वे भारत में चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं।
केंद्र सरकार की स्थिति
नवंबर 2023 में इस मामले की सुनवाई के दौरान, अदालत ने केंद्र सरकार से याचिकाकर्ता की शिकायत पर लिए गए निर्णय की जानकारी मांगी थी। केंद्र सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि संबंधित मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखकर राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर जानकारी मांगी है। ऐसे में सरकार को अंतिम निर्णय लेने के लिए और समय चाहिए।
केंद्र सरकार इससे पहले भी कई बार अतिरिक्त समय मांग चुकी है, और सोमवार को एक बार फिर समय विस्तार की मांग की गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
याचिकाकर्ता के दावे
याचिकाकर्ता का दावा है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के दस्तावेज़ और कुछ ईमेल हैं, जो यह साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। इसके चलते,
1. वे भारत में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं।
2. लोकसभा सदस्य का पद धारण करने के अयोग्य हैं।
3. भारतीय न्याय संहिता (BNS) और पासपोर्ट अधिनियम के तहत यह अपराध है।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू करे। अब इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी, जहां केंद्र सरकार को ब्रिटिश सरकार से मिली जानकारी प्रस्तुत करनी होगी।

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