राजस्थान में लोकसभा की सरगर्मी ऐसी बढ़ रही है कि उम्मीदवार कहीं पर चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं तो कहीं पर पार्टियां ही उन्हें बदल दे रही हैं। चुनावी समीकरण बहुत तेजी के साथ बदल रहे हैं। यही वजह रही है जिसके चलते कांग्रेस ने बीती रात जयपुर शहर सीट पर बड़ा फेर बदल करते हुए सुनील शर्मा का टिकट बदलकर पूर्व मंत्री और जयपुर सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र से हारे हुए उम्मीदवार प्रताप सिंह खाचरियावास को देना पड़ा। अब कांग्रेस के खाचरियावास का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी मंजू शर्मा से होगा।
कांग्रेस के टिकट बदलाव होने के बाद सियासत के समीकरणों में भी बदलाव हो गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि ब्राह्मण और वैश्य के वर्चस्व वाली इस सीट पर क्या कांग्रेस का प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट देने का यह दांव सही साबित होगा?
उल्लेखनीय है कि जयपुर शहर से पूर्व प्रत्याशी सुनील शर्मा को कांग्रेस ने टिकट दिया था। लेकिन, विवादित यूट्यूब चैनल ‘जयपुर डायलॉग्स’ का विवाद इतना बढ़ गया कि कांग्रेस के नेता शशि थरूर और कार्यकर्ता ही सुनील शर्मा के विरोध में आ गए। यह यूट्यूब चैनल कांग्रेस का प्रबल आलोचक माना जाता है। इस विरोध को देखते हुए पार्टी ने बदलाव कर प्रताप सिंह को टिकट दिया। कांग्रेस पार्टी का टिकट ब्राह्मण चेहरे के स्थान पर अब राजपूत पर हस्तांतरित हो गया है जिसके कारण इस सीट का समीकरण बदल गया है।
ब्राह्मण समीकरण के सामने टिक पाएंगे, प्रताप सिंह खाचरियावास?
बता दें कि, जयपुर शहर लोकसभा सीट पर सामान्य वर्ग का दबदबा देखने को मिला है। दोनों ही पार्टियों ने वैश्य या ब्राह्मण चेहरे पर शुरू से ही दांव खेलती आई है, क्योंकि पिछले काफी समय से जातिगत आधार पर ही चुनावों में राजनीति देखने को मिल रही है। ऐसे में जयपुर सीट पर ब्राह्मण और वैश्य चेहरा ही चुनाव की सियासत में अहम हिस्सा है। आंकड़ों की बात करें तो, अब तक सर्वाधिक 10 बार ब्राह्मण और तीन बार वैश्य उम्मीदवार ही सांसद बने हैं। इस सीट पर सबसे ज्यादा दबदबा ब्राह्मण चेहरे का रहा है। ऐसे में अब कांग्रेस का टिकट ब्राह्मण चेहरे से हटकर राजपूत पर आ गया है। इसको लेकर अब सियासत में सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी के ब्राह्मण चेहरे मंजू शर्मा के सामने क्या कांग्रेस का प्रताप सिंह के रूप में राजपूत चेहरा सियासी समीकरण को टक्कर दे पाएगा?
तीन माह पहले विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं प्रताप सिंह
गहलोत सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके प्रताप सिंह खाचरियावास हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान सिविल लाइंस से चुनाव हार चुके हैं। उन्हें गोपाल शर्मा ने करीब 29000 वोटो से हराया था। इधर, टिकट मिलने के बाद प्रताप सिंह ने कहा है कि मेरे को चुनावी नहीं लड़ना था और न ही मैंने टिकट मांगा था। लेकिन अब जब पार्टी ने आदेश दिया है तो, अब जितनी भी जान बची है, वह जयपुर की जनता के लिए है। उन्होंने कहा कि मैं जयपुर की जनता और कांग्रेस पार्टी के लिए अपनी जान भी दे दूं तो, कम होगी।