जयपुर। राजस्थान के पशुपालन, गोपालन और डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने बुधवार को राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के तत्वावधान में 5 लिक्विड (तरल) नेट्रोजन परिवहन वाहनों की विधिवत् पूजा कर उन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तरल नेट्रोजन पशु नस्ल सुधार के लिए किए जाने वाले कृत्रिम गर्भाधान में काम आता है। इस अवसर पर पशुपालन मंत्री ने कहा कि तरल नेट्रोजन के वितरण की व्यवस्था को सुगम और सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से भारत सरकार की शत् प्रतिशत वित्त पोषित राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत 15 जिलों को नेट्रोजन परिवहन वाहन जून में उपलब्ध कराए जा चुके हैं। अब इन पांच जिलों में वाहनों की उपलब्धता से अधिकांश जिलों को यह सुविधा प्राप्त हो गई है। उन्होंने बताया कि इन वाहनों में पहली बार जारों को उठाने और रखने के लिए पूली व्यवस्था करवाई गई है जिससे विभागीय कर्मचारियों को अधिक वजन उठाने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। साथ ही जार के खराब होने की संभावना भी कम रहेगी। उन्होंने बताया कि तरल नेट्रोजन के भण्डारण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए जाने के लिए वाहन आपूर्ति के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार राज्य के 29 जिलों में 3000 लीटर क्षमता के नवीन साइलों की भी स्थापना हो चुकी है।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार पशुओं के कल्याण के प्रति कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर को सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो रहा है। पशुपालकों की दशा और दिशा सुधारने के लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है। इस एक वर्ष में सरकार ने बहुत सी उपलब्धियां अर्जित की हैं। इसी क्रम में पशुपालन विभाग ने 536 मोबाइल वेटरिनरी यूनिट और 1962 हेल्प लाइन नंबर की सेवा शुरू की जिसके तहत सुदूर गांव और ढाणियों के पशुपालकों को उनके घर पर पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रही है। यह विभाग की एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ऊंटों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए ऊष्ट्र संरक्षण योजना के तहत सहायता राशि दस हजार से बढ़ाकर बीस हजार कर दी गई है। इसके अलावा मंगला पशु बीमा योजना को भी जल्द ही धरातल पर लाने की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं जिसके अंतर्गत एक साल में 21 लाख दुधारू पशुओं का बीमा किया जाएगा।
राइजिंग राजस्थान पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कुमावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान को विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के उद्देश्य से सरकार के पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान का कार्यक्रम करवाया। जिससे आने वाले चार सालों में हर क्षेत्र में नई योजनाएं और परियोजनाएं धरातल पर आएंगी, नए उद्योग लगेंगे, लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश विकास के रास्ते की ओर अग्रसर होगा।
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष जून माह में 15 जिलों को ये तरल नेट्रोजन परिवहन वाहन वितरित किए गए थे। अब पांच जिलों भरतपुर, धौलपुर, करौली, राजसमन्द और बाड़मेर जिलों को ये वाहन भिजवाए जा रहे हैं। सभी वाहन केंद्र सरकार की राश्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत शत—प्रतिशत प्रायोजित है।
इस अवसर पर शासन सचिव पशुपालन, गोपालन और मत्स्य डॉ. समित शर्मा, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आनंद सेजरा, गोपालन विभाग के निदेशक प्रह्लाद सहाय नागा तथा पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ सुरेशचंद मीना सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारीगण मौजूद थे।