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जयपुर लोकसभा सीट पर फंस गया पेंच.. राठौड़, शेखावत, पूनिया और चतुर्वेदी के अलावा कांग्रेस से भाजपा में आये कटारिया और राजेंद्र यादव भी दावेदार

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान की 15 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। जयपुर की दोनों सीटों, जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण के लिए अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता हाल ही भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिसके कारण जयपुर की सीटों पर नया पेंच फंस गया है।
लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान की 15 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जयपुर की दोनों सीटों जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण के लिए अभी तक कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। जयपुर की सीटों पर अब एक नया पेंच फंस गया है क्योंकि पिछले दिनों कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। उन नेताओं में पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया और राजेंद्र यादव भी शामिल हैं। जयपुर ग्रामीण की सीट पर बीजेपी के दावेदारों की संख्या बढ़ गई है। एक तो पहले से ही बीजेपी के तीन चार नेता दावेदार थे। दूसरा कांग्रेस से आए दो वरिष्ठ नेता भी जयपुर ग्रामीण सीट से दावेदार माने जा रहे हैं।
बीजेपी के ये नेता पहले से हैं दावेदार
पूर्व सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के विधायक बनने के बाद जयपुर ग्रामीण सीट पर बीजेपी नया प्रत्याशी उतारेगी। जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से दावेदारी जता रहे हैं। विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का झोटवाड़ा से टिकट काटने के बाद जब वे बागी हुए थे तो पार्टी ने उन्हें भी लोकसभा चुनाव में मौका देने का आश्वासन देकर मना लिया था। ऐसे में राजपाल सिंह शेखावत भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। जयपुर ग्रामीण सीट से पूर्व में दो बार राजपूत समाज को टिकट दिया गया। ऐसे में राव राजेंद्र सिंह और राजपाल सिंह इस सीट पर जीत का दावा कर रहे हैं। राजपूत समाज के वरिष्ठ नेता रहे दिवंगत लोकेंद्र सिंह कालवी के बेटे भवानी सिंह भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
हारे हुए वरिष्ठ नेताओं को भी एडजस्ट करने की चर्चा
बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र राठौड़ तारानगर से विधानसभा चुनाव हार गए थे। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी आमेर सीट से चुनाव हार गए थे। इन दोनों वरिष्ठ नेताओं को एडजस्ट करने के लिए इनके नाम भी टिकट के दावेदारों में हैं। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि सतीश पूनिया को जयपुर ग्रामीण के बजाय अजमेर लोकसभा सीट से उतारा जा सकता है लेकिन राजेंद्र राठौड़ को जयपुर ग्रामीण सीट से टिकट की दावेदार कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी के करीब आधा दर्जन नेता हैं जो जयपुर ग्रामीण सीट से दावेदारी जता रहे हैं।
पार्टी बदलकर नेताओं को भी मौके की तलाश
कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व सांसद रहे लालचंद कटारिया भी जयपुर ग्रामीण सीट से दावेदारी जता रहे हैं। कटारिया ने कांग्रेस के टिकट पर इस बार झोटवाड़ा से चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने टिकट मांगा ही नहीं और कांग्रेस ने जिस प्रत्याशी को झोटवाड़ा से चुनाव मैदान में उतारा, उसके समर्थन में प्रचार भी नहीं किया। विधानसभा चुनाव से समय से ही राजनैतिक गलियारों में ऐसी खबरें थी कि कटारिया बीजेपी में शामिल होकर जयपुर ग्रामीण सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। पिछले दिनों 10 मार्च को कटारिया भाजपा में शामिल हो गए। ऐसे में वे भी जयपुर ग्रामीण सीट से टिकट के बड़े दावेदार हैं। उधर जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले राजेंद्र यादव भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ चुके हैं। यादव भी गहलोत राज में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। ऐसे में वे भी जयपुर ग्रामीण सीट से दावेदारी जता रहे हैं।
जयपुर शहर सीट से अरुण चतुर्वेदी दावेदार
जयपुर शहर लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे रामचरण बोहरा को इस भी मौका मिले। इसकी संभावनाएं कम लग रही है। संघ के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी को पार्टी जयपुर सीट से मौका दे सकती है। या ऐसा भी हो सकता है कि बीजेपी संघ के किसी अन्य वरिष्ठ नेता को जयपुर शहर सीट से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। संभावना यह भी है कि जयपुर ग्रामीण से दावेदारी जताने वाले नेताओं में से किसी एक को जयपुर शहर से मौका दिया जा सकता है।

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