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राजस्थान विस चुनाव के लिए भाजपा का महामंथन, नड्डा-शाह ने बनाई चुनावी रणनीति

राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर में पार्टी के सभी नेताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक के बाद कई नेताओं के अलग अलग बयान सामने आए हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी भाजपा के महामंथन पर निशाना साधा है।
राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसको लेकर राजस्थान की सियासत गर्मा गई है। एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार को रिपीट करने का दावा कर रही है, तो वहीं, भाजपा भी महामंथन कर पूरी जोर आजमाइश कर रही है। इसी कड़ी में बुधवार शाम राजधानी जयपुर में 6ः30 घंटे मैराथन बैठकें चलीं। जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश की कोर कमेटी के नेताओं के साथ चुनावी रणनीति को लेकर चर्चा की। वहीं, माना जा रहा है कि अब राजस्थान चुनाव को लेकर भाजपा के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जल्द ही जारी हो सकती है।
बीजेपी के महामंथन से क्या निकला?
विधानसभा चुनाव को लेकर नड्डा और शाह ने प्रदेश के सभी बड़े नेताओं से वन-टू-वन संवाद किया। वहीं, बैठक के बाद गुरुवार को उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ‘उनके द्वारा मजबूती से चुनाव लड़ने और चुनाव जीतने का संदेश दिया गया है। पूरी कोशिश करेंगे और बीजेपी को बहुमत से जिताएंगे।’
वहीं, बीजेपी की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची कब जारी की जाएगी, इस सवाल पर राजस्थान बीजेपी की सह प्रभारी विजया रहाटकर का कहना है कि पार्टी का संसदीय बोर्ड इस पर फैसला लेगा।
एकजुटता का मिला संदेश- शेखावत
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह पीएम मोदी का स्पष्ट संकेत था कि सभी लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा हर पहलू पर चर्चा हुई। सभी राजनीतिक पहलुओं, चुनाव और (राज्य) सरकार की विफलता पर चर्चा की गई। राजस्थान में जनता को होने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की गई। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रमुख ने विस्तार से चर्चा की है कि सबकुछ तैयार करने के बाद हम चुनाव कैसे करा सकते हैं और उन्होंने उसी के अनुसार हमारा मार्गदर्शन किया। अब हम उसी तर्ज पर काम करेंगे।
मेघवाल का गहलोत पर निशाना
वहीं, अशोक गहलोत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान आने को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि उपराष्ट्रपति (जगदीप धनखड़) के लिए सीएम (अशोक गहलोत) ने कहा कि अब क्यों आ रहे हैं? तो क्या उपराष्ट्रपति उनसे अनुमति लेकर आएंगे? यह बीकानेर में एक सरकारी कार्यक्रम था जिसका उन्होंने उद्घाटन किया। इसलिए इस संबंध में राजनीति करना ठीक नहीं है।
कांग्रेस का महामंथन पर निशाना
इधर, राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा के महामंथन पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बीजेपी दबाव में है। कांग्रेस को लेकर जिस तरह का माहौल है, उसे देखते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय नेता (यहां) आ रहे हैं। बीजेपी अपने नौ साल के काम का जवाब देने के लिए चाहे कितना भी मंथन कर ले, लेकिन राजस्थान के कल्याण और विकास मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। बीजेपी ने कानून व्यवस्था और पेपर लीक जैसे मुद्दे उठाए हैं। हमारी कानून व्यवस्था मध्यप्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से बेहतर है। बीजेपी के राज्यों की तुलना में राजस्थान में कम पेपर लीक हुए हैं। बीजेपी में गुट हैं। जिस तरह से वसुंधरा जी को किनारे किया गया उसके बाद वो मीटिंग कर रहे हैं लेकिन अब उन्हें देर हो चुकी है। कांग्रेस जीतेगी और बहुमत के साथ राजस्थान में सरकार बनाएगी।

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