राजस्थान में भजनलाल सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा निर्णय उन सरकारी कर्मचारियों के लिए है जिनके पास दो से अधिक संतानें हैं। पहले, ऐसे कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिलता था, लेकिन अब इस नियम को बदलते हुए, सरकार ने प्रमोशन का रास्ता खोल दिया है। यह निर्णय लगभग 22 साल बाद लागू किया गया है, जिससे उन कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, जिनकी दो से अधिक संतानें हैं। इसके अलावा, सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की डेथ ग्रेच्युटी राशि को 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दिया है।
पेंशनर्स के लिए भी सरकार ने बड़ी राहत दी है। पहले, पेंशनर्स को दवाइयों की खरीद पर 20 हजार रुपए की सीमा थी, जिसे अब बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दिया गया है। इस नए फैसले से पेंशनर्स अब पूरे साल में 30 हजार रुपए तक की दवाइयां खरीद सकते हैं। इसके अलावा, पेंशनर्स को अपने माता-पिता या सास-ससुर को चिकित्सा सुविधा के लिए अपने साथ जोड़ने की अनुमति दी गई है, बशर्ते वे पेंशनर्स के साथ रहते हों।
इसके अलावा, कैबिनेट की बैठक में राज्य के विकास से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए अडानी रिन्यूएबल एनर्जी सहित चार कंपनियों को जमीन आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्रों में बेहतर ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने की योजना पर भी चर्चा हुई है। किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लिए कृषि फीडर पृथक्करण योजना को मंजूरी दी गई है, जिससे नए सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। राजधानी जयपुर के अजमेर रोड पर एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर के लिए 12 हेक्टेयर जमीन निशुल्क आवंटित करने का भी फैसला लिया गया है।
राजस्थान में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की गई। इस बैठक में ट्रांसफर पॉलिसी के प्रारूप पर एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसमें राज्य में एक बेहतर और प्रभावी ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ। मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राजस्थान में अन्य राज्यों की तरह एक पारदर्शी और उचित ट्रांसफर पॉलिसी तैयार की जा रही है। इसके लिए राज्य के लोगों से सुझाव लिए जाएंगे, ताकि सभी हितधारकों के साथ सामंजस्य बनाकर एक बेहतर नीति बनाई जा सके।
किसानों को बड़ी राहत देते हुए कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि अब किसानों को दिन के समय बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए आरडीएसएस (Revamped Distribution Sector Scheme) के तहत कृषि क्षेत्र के लिए 11 केवी फीडर पृथक्करण योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 7896 करोड़ रुपए की लागत से नए सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे और मीटरिंग, बिलिंग, और राजस्व संग्रहण के कार्यों को भी इस फीडर पृथक्करण योजना में शामिल किया जाएगा। इस योजना के जरिए किसानों को दिन में बिजली मिलने से उनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
इसके अलावा, कैबिनेट ने एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर के लिए राजधानी जयपुर के अजमेर रोड पर 12 हेक्टेयर निशुल्क जमीन आवंटित करने का निर्णय लिया है। यह सेंटर दहमीकलां में स्थापित किया जाएगा, जिससे एमएसएमई से जुड़े उद्यमियों को आधुनिक तकनीक और संसाधनों का लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही, प्रदेश के रेल परिवहन तंत्र को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें श्रीनाथद्वारा को मेवाड़ और मारवाड़ से जोड़ने वाली नई रेलवे लाइन के निर्माण के लिए भूमि आवंटन की स्वीकृति दी गई है। इस योजना से प्रदेश में मार्बल, ग्रेनाइट और माइनिंग जैसे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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