राजस्थान सरकार ने शहरों की कच्ची बस्तियों के नियमन और बहुमंजिला भवनों में रहने वालों को पीएचईडी का जल मुहैया कराने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें कच्ची बस्तियों में पट्टों के वितरण, राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2023, विभिन्न सेवा नियमों, गौशालाओं और छात्रावासों के लिए भूमि आवंटन सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया है।
शहरों की कच्ची बस्तियों का होगा सर्वे, जारी होंगे पट्टे
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2004 में सर्वेशुदा कच्ची बस्तियों के अतिरिक्त 31 दिसंबर 2021 तक बसी नयी कच्ची बस्तियों के सर्वे कर नियमित किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने ऐसे परिवारों को संबल प्रदान करने के लिए प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इस निर्णय से प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे वितरित किए जाएंगे। इससे कच्ची बस्तियों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित होगा। सड़क, नाली, विद्युत एवं पेयजल की आधारभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकेगी।
बहुमंजिला भवनों में पेयजल की समस्या का होगा निदान
मंत्रिमंडल ने बहुमंजिला भवनों में रहने वाले लोगों के लिए तय किया है कि उन्हें पेयजल की समस्या से जूझने नहीं दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा प्रस्तावित नीति के प्रारूप का अनुमोदन किया है। अब इन्हें पीएचईडी की योजनाओं के तहत जल कनेक्शन जारी किए जाएंगे। अभी ये टैंकरों और भू-जल पर ही निर्भर हैं। अब इन्हें गुणवत्तायुक्त शुद्ध पेयजल व्यावहारिक दरों पर उपलब्ध होगा।
छात्रावासों के वृहद् स्तर पर निर्माण के लिए भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन
मंत्रिमंडल ने राज्य के विभिन्न नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्य के लिए जारी की गई भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इस निर्णय से अब विभिन्न समाजों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास निर्माण के लिए रियायती दर पर भूमि आवंटन हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि विभिन्न समाजों के विद्यार्थियों को छोटे गांवों से बड़े शहरों में अध्ययन के उद्देश्य से आना पड़ता है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए अस्थाई आवासों की आवश्यकता कस्बों, नगरों एवं महानगरों में रहती है। इस स्वीकृति से अब विभिन्न समाजों के छात्रावासों का निर्माण हो सकेगा और ऐसे विद्यार्थियों को आवास की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
133 अप्रचलित और अनावश्यक विधियां होंगी निरस्त
राज्य में विद्यमान 133 अप्रचलित और अनावश्यक विधियां निरस्त की जाएगीं। मंत्रिमंडल ने कानूनों की समीक्षा के बाद ऐसी विधियों को निरस्त करने के लिए राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2023 का अनुमोदन किया है। यह विधेयक राजस्थान विधानसभा में रखा जाएगा। गौरतलब है कि इनमें 33 मूल अधिनियम (विनियोग अधिनियमों सहित) और 100 संशोधित अधिनियमों (केंद्रीय अधिनियमों में किए गए राज्य संशोधनों सहित) विधियां शामिल हैं। इनमें से कई विधियों का प्रयोजन पूर्ण हो चुका है तथा कई मूल अधिनियम भी अपनी प्रासंगिकता खो चुके है।
सांगानेर तहसील में गौशाला को निशुल्क भूमि आवंटन
श्रीसंत परमसुख दास जी महाराज आश्रम (गौशाला) शिवराम सेवा समिति को गौशाला की स्थापना हेतु सांगानेर के जयसिंहपुरा गांव में 26,616.61 वर्गमीटर भूमि आवंटित होगी। मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। संस्था को भूमि आवंटन किए जाने पर निरीह, असहाय, वृद्ध, बीमार एवं लावारिस गौवंश की देखभाल एवं भरण-पोषण हो सकेगा।
भील समाज विकास समिति भीलवाड़ा को सामुदायिक भवन हेतु भूमि आवंटन
मंत्रिमंडल ने भील समाज विकास समिति भीलवाड़ा को सामुदायिक भवन हेतु टोकन राशि पर भूमि आवंटन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। समिति को जिले के जोधडास गांव में 780.67 वर्गमीटर भूमि का टोकन राशि पर आवंटन हो सकेगा। इससे संस्था द्वारा समाज के बच्चों के लिए निशुल्क प्रशिक्षण, सामूहिक विवाह सम्मेलन एवं गरीब विद्यार्थियों को ठहरने की व्यवस्था का लाभ मिलेगा।
साहित्यकार बशीर अहमद मयूख को अब 25 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन
साहित्यकार बशीर अहमद मयूख को अब प्रतिमाह 25 हजार रुपए पेंशन मिलेगी। मंत्रिमंडल ने साहित्य क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं व वृद्धावस्था को देखते हुए पेंशन वृद्धि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। अभी उन्हें 11 हजार प्रतिमाह पेंशन मिल रही है। उल्लेखनीय है कि मयूख ने गीता का हिन्दी में अनुवाद किया गया था।