राजस्थान में बाल विवाह की प्रथा पर प्रभावी रोकथाम के लिए राजस्थान पुलिस द्वारा “ऑपरेशन लाडली” अभियान की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान के निर्देश पुलिस महानिरीक्षक (सिविल राइट्स) जय नारायण ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को जारी किए हैं। अभियान के अंतर्गत, पुलिस बाल विवाह की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न तरीकों से समझाइश करेगी और बाल विवाह के जोखिमों के बारे में बच्चों को जागरूक बनाएगी।
अभियान का उद्देश्य और समयावधि
जय नारायण के अनुसार, “ऑपरेशन लाडली” अभियान का उद्देश्य समाज में व्याप्त बाल विवाह की प्रथा को रोकना है। इस अभियान को विशेष रूप से आगामी 12 नवंबर को आने वाले अबूझ सावे पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए संचालित किया जाएगा। 11 से 16 नवंबर तक यह अभियान पूरे प्रदेश में चलेगा, और पुलिस विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि अभियान की प्रभावी क्रियान्विति हो।
अभियान की कार्यप्रणाली
अभियान के दौरान, पुलिस जिलों में, खण्ड स्तर पर, स्कूलों में, गांवों में और सेवा प्रदाताओं के बीच कार्यशालाओं का आयोजन करेगी। इसमें शामिल प्रतिभागियों को बाल विवाह की हानियों और कानूनी दंड के बारे में जागरूक और संवेदनशील बनाया जाएगा। विभिन्न जागरूकता गतिविधियों जैसे दीवार लेखन, जागरूकता रैली, सरकारी और धार्मिक आयोजनों में शपथ कार्यक्रम, जिंगल्स, डॉक्यूमेंट्री, नुक्कड़ नाटक, होर्डिंग्स और समाचार पत्रों में विज्ञापनों के माध्यम से जनसाधारण को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया जाएगा।
कानूनी जागरूकता
इसके अतिरिक्त, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार, पुलिस जनता को जानकारी देगी कि 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह बाल विवाह के अंतर्गत आता है और यह कानूनन अपराध है। थानों के स्तर पर कार्यरत सीएलजी सदस्य एवं सुरक्षा सखियां बाल विवाह रोकने में पुलिस का सहयोग करेंगी।
मुखबिर प्रोत्साहन योजना
पुलिस विभाग बाल विवाह की सूचनाएं प्राप्त करने के लिए मुखबिर प्रोत्साहन योजना को भी सुदृढ़ करेगा, ताकि बाल विवाह की जानकारी मिलने पर त्वरित कार्यवाही की जा सके।
“ऑपरेशन लाडली” जैसे अभियानों के माध्यम से पुलिस बाल विवाह की रोकथाम की दिशा में ठोस कदम उठा रही है, जिससे समाज में इस कुप्रथा को खत्म किया जा सके।