राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि राज्य के शिक्षकों की समस्या सरकार की समस्या है। सरकार उसे अपनी समस्या मानकर उनका निराकरण करेगी। वे राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का दो दिवसीय प्रदेश महासमिति अधिवेशन में बोल रहे थे।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का दो दिवसीय प्रदेश महासमिति अधिवेशन बिजोली धौलपुर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा उपस्थित रहे। उनके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम कार्यक्रम के मुख्य वक्ता निंबाराम थे। कार्यक्रम में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर अति विशिष्ट अतिथि. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजीद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने की। उनके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक बाबू लाल और राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम भी उपस्थित रहे।
अधिवेशन के मुख्य वक्ता निंबाराम ने कहा कि आज राजस्थान में 72000 से अधिक शासकीय विद्यालयों में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के कार्यकर्ता है। हम अपने विचार, दृष्टिकोण और विशिष्ट पहचान के लिए जाने जाते है। 2047 का भारत अर्थात स्वाधीनता के 100 वर्ष पूर्ण होने तक का यह समय देश का अमृतकाल है। शासन ने पंच प्रण का विचार दिया है जिनमे स्व का बोध, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य और कुटुंब प्रबंधन के विषय है। हमें देश में नव जागरण लाना है। हमें विद्यार्थियों में स्वालंबन, स्वाभिमान और दक्षता का विकास जैसे गुणों का निर्माण करना है। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें आगे लाना है। पिछले दशक में देश में स्वदेशी जागरण का भाव प्रगाढ़ हुआ है। वर्षों से चली आ रही सनातनी परंपरा और देश वासियों के उत्तम चरित्र के कारण भारत का एक गौरव है जिसको सम्पूर्ण विश्व मानता है। योग दिवस का प्रस्ताव भारत द्वारा रखने पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्विरोध स्वीकार किया गाय। यह हमें विश्व गुरु की अनुभूति कराते है। भारत आज भी विश्व गुरु है । G20 सम्मेलन भारत में हुआ जिसकी थीम वसुधैव कुटुंबकम् रही। राष्ट्राध्यक्षो के परिचय सत्र में पृष्ठभूमि में नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर के चित्र थे जिनसे विश्व को महान विश्वविद्यालय की जानकारी दी। दुनिया ने जाना कि किस प्रकार धर्मांध आक्रमणकारी ने ऐसे गौरवशाली समृद्ध विश्वविद्यालय को नष्ट किया।
सम्मेलन में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) शिक्षक, शिक्षार्थी और राष्ट्रहित को ध्यान रखकर कार्य करने वाला संगठन है । राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय सदैव राष्ट्रहित, समाज हित और शिक्षा हित में कार्य करता है। दल भावना, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक सरोकार के प्रति जागरूक बनाता है।शिक्षित और सक्षम नागरिक ही राष्ट्र की प्रगति का आधार होते हैं । शिक्षक अपने शिष्य का मार्गदर्शक, मित्र और प्रेरणास्त्रोत होता है। विद्यार्थी विद्यालय में जो कुछ सीखते है वह उनके जीवन को दिशा देता है। शिक्षक विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना और संस्कारों का समावेश कर उन्हें कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते है। राजस्थान सरकार भी शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को ओर अधिक बेहतर बनाने के लिए अपने आगामी बजट में शिक्षकों से उनके सुझाव आमंत्रित किए हैं।
राज्य में सरकारी विद्यालयों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने तथा शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस है। उनका जीवन राष्ट्र के लिए पूरी तरह से समर्पित था। डॉ मुखर्जी ने कश्मीर मुद्दे पर राष्ट्रवाद को सर्वोपरि रखते हुए तत्कालीन कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने एक देश में दो संविधान दो विधान का विरोध किया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी ने धारा 370 को हटाकर पूरा किया। विद्यार्थियों में कौशल विकास, रोजगार परक शिक्षा देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में नई शिक्षा नीति 2020 लागू हुई है। आज पिछले दशक में देश में 13 से 21 आईआईएम, मेडिकल कॉलेज दुगुने, इंजीनियरिंग कॉलेज तिगुने हुए हैं। 2014 के बाद देश में आतंकवाद और नक्सलवाद से सुरक्षा और देश की सीमा सुरक्षा से लेकर कई महत्वपूर्ण परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं। अल्प आय वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए केजी से पीजी तक निशुल्क शिक्षा देने का कार्य राजस्थान सरकार कर रही है। सरकार ने आगामी बजट हेतु भी शिक्षकों से सुझाव लिए है। शिक्षकों की समस्या सरकार की समस्या है।सरकार अपनी समस्या मानकर उनका निराकरण करेगी।आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों पर चलते हुए समाज में अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को आगे लाने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। हमारा हर काम राजस्थान के हित में होगा। देश के प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर हम सभी अपनी अपनी माता के नाम से एक वृक्ष अवश्य लगाएं।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राष्ट्र निर्माता हमारे शिक्षक अच्छे नागरिक देने का कार्य करते है । हम अपने आप को छात्रों के सम्मुख आदर्श के रूप में प्रस्तुत करे ताकि छात्र हमारा अनुसरण करते हुए अच्छे नागरिक बने।
प्रदेश संगठन मंत्री घनश्याम ने कहा कि हम मात्र शिक्षक संगठन नहीं अपितु शैक्षिक संगठन है । हम शिक्षा और समूचे समाज की बात करते है। हम जनमत परिष्कार,पर्यावरण संरक्षण,कर्तव्यबोध करते हुए राष्ट्रहित के कार्य करते है।संगठन समूचे राज्य के 50 जिलों में कार्यरत है। इस संगठन के विचार मात्र से हमें गर्व की अनुभूति होती है। घनश्याम ने संगठन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी की भी घोषणा की।
प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने कहा कि पूर्व सरकार ने शिक्षकों को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं रखी। पुष्करणा ने तृतीय श्रेणी सहित सभी संवर्गों के स्थानांतरण करने, संविदा शिक्षकों यथा पंचायत शिक्षक, शिक्षा कर्मी, पैराटीचर को नियमित करने, बेसिक कंप्यूटर अनुदेशकों, वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशकों, प्रबोधको और शिक्षको की वेतन विसंगति दूर करने, पिछले 4 वर्षों से रुकी पदौन्नतियाँ करने, आपसी स्थानांतरण(म्यूचुअल ट्रांसफर)की व्यवस्था पुनः शुरू करने, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने सहित विभिन्न मांगे रखी।
प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने महामंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत कर संगठन की रीति नीति और संगठन द्वारा किए जा रहे विभिन्न सामाजिक और शैक्षिक गतिविधियों से सदन को अवगत करवाया। इस अवसर प्रदेश के सभी जिलों से हजारों शिक्षकों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम के विधान संशोधन प्रस्ताव सत्र में तीन प्रस्ताव पारित किए गए जिनमें संगठन द्वारा उपशाखा, जिला अथवा प्रदेश स्तर पर भूमि/भवन क्रय करने पर स्थाई समिति की अनुमति लेने, संगठन में उपशाखा, जिला अथवा प्रदेश स्तर पर नवीन निर्माण के लिए कमेटी गठित कर कार्य करना जिसकी अनुमति स्थाई समिति से हो और साथ ही प्रत्येक उपशाखा में पीईईओ स्तर पर संकुल कार्यकारिणी मनोनित होगी जिसमें एक संयोजक व दो सह संयोजक होंगे जिनमें एक महिला सदस्य अनिवार्य रहेगी।