उदयपुरराजनीति

राजस्थानः सीटों को लेकर कांग्रेस में हुआ बवाल, दिखने लगी दरार

इंडि गठबंधन को लेकर राजस्थान में कांग्रेस नेतृत्व में दरार नज़र आयी। बांसवाड़ा के कांग्रेस प्रत्याशियों ने ऐसा खेल खेला कि बांसवाड़ा और उदयपुर सीट पर गठबंधन फेल हो गया है।हुआ ये कि कांग्रेस ने एक दिन पहले ही भारतीय आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया था। इसके बाद बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट और बागीदौरा विधानसभा सीट से अपने प्रत्याशियों के नाम वापस लेने का फैसला कर लिया। लेकिन, बांसवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर और बागीदौरा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को ये फैसला मंजूर नहीं था, सो वे नाम वापसी की समय सीमा तक गायब हो गए और आखिरी वक्त तक नाम वापस नहीं लिया। कांग्रेस ने दोनों को निष्कासित कर दिया। लेकिन, कांग्रेस के दोनों को चुनाव चिन्ह आंवटित करने से अब दोनों तकनीकी रूप से कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ेंगे।
अब बाप व कांग्रेस प्रत्याशी आमने-सामने
इसका असर न सिर्फ बांसवाड़ा- डूंगरपुर सीट पर पड़ेगा। उदयपुर सीट पर भी अब बाप(भारतीय आदिवासी पार्टी) और कांग्रेस प्रत्याशी आमने सामने होंगे। राजस्थान में कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी के बीच गठबंधन को बासंवाड़ा-डूंगरपुर से कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर और बागीदौरा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कपूर सिंह ने फेल कर दिया। समझौते के मुताबिक कांग्रेस को बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट से अपने प्रत्याशी का नाम वापस लेने था। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट और बागीदौरा विधानसभा सीट पर बाप(भारतीय आदिवासी पार्टी) को समर्थन देने और अपने प्रत्याशियों के नाम वापस लेने का फैसला किया।
समय सीमा के बाद आये सामने
पार्टी ने जब प्रत्याशियों को नाम वापस लेने के लिए कहा तो नाम वापस लेने के बजाय दोनों प्रत्याशी गायब हो गए। आखिरी वक्त तक कांग्रेस तलाशती रही। नाम वापसी का समय निकलने के बाद देर रात अरविंद डामोर मीडिया के सामने आया और कहा कि बाप कांग्रेस का समर्थन करें। कांग्रेस बड़ी पार्टी है। कहा गठबंधन को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा गया।
क्या बोले निष्कासित प्रत्याशी
भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन के बाद कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों से नाम वापस लेने के लिए दबाव बनाया। परंतु दोनों प्रत्याशियों ने ऐसा करने से मना कर दिया। वजह पूछे जाने पर अरविन्द डामोर ने कहा कि पार्टी की तरफ से उन्हें बेवकूफ बनाया गया। अगर ये फैसला लेना था तो नामांकन भराया ही क्यों? वही दूसरे निष्कासित प्रत्याशी ने कहा कि हम कोई मंदिर का घंटा नहीं जो कोई भी बजा कर चला जाये।
दरअसल कांग्रेस बाप को बांसवाड़ा–डूंगरपुर सीट और बागीदौरा विधानसभा सीट पर समर्थन के बदले उदयपुर सीट पर बाप का समर्थन चाहती थी। कांग्रेस ने बांसवाड़ा- डूंगरपुर और बागीदौरा सीट पर अपने प्रत्याशियों का नाम वापस लेने का ऐलान कर उम्मीद कर रही थी कि बाप उदयपुर सीट पर अपने प्रत्याशी प्रकाश का नाम वापस ले लेगी। लेकिन बाप इसके लिए तैयार नहीं था, बावजूद कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों को नाम वापस लेने की हिदायत दी। लेकिन कांग्रेस की डूंगरपुर यूनिट इस गठबंधन के पक्ष में नहीं थी। कांग्रेस पार्टी में मतभेद कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर भारी पड़े।

Related posts

आप हमारे चुंटिया भरोगे तो हम भी चुंटिया भरेंगे- कटारिया

admin

हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक उबाल के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खु के इस्तीफे की खबरें..फिलहाल मामला टला

Clearnews

महाराष्ट्रः शिवसेना के अनुसार नयी सरकार का गठन और शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर तक

Clearnews