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जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भाजपा में शामिल..ज्योति कैसी बिगाड़ेंगी कांग्रेस का समीकरण ..?

राजस्थान की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल चल रही है। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर टिकट ना मिलने से नाराज नेताओं का अन्य दलों में जाने की धमकियों ने असर दिखाना शुरू कर दिया। शनिवार 28 अक्टूबर को जयपुर की पूर्व मेयर और कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं ज्योति खंडेलवाल सहित कांग्रेस के 3 वरिष्ठ नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस के जो अन्य वरिषठ नेता भाजपा में शामिल हुए हैं, उनमें तारानगर से पूर्व विधायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे चंदनमल बैद के बेटे चंद्रशेखर बैद और पूर्व विधायक नंदलाल पूनिया हैं। उनके अलावा हरि सिंह सहारण, सांवरमल महरिया, केसर सिंह शेखावत, भीम सिंह शेखावत, जोधपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी, भीम सिंह बीका, विद्याधर नगर से जयपाल सिंह, धर्मेंद्र सिंह, सोमेंद्र चौहान, विष्णु प्रताप, रवि जिंदल समेत अन्य ने सदस्यता ग्रहण की।
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए आए इन नेताओं का भाजपा राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने इन नेताओं का स्वागत किया। भाजपा पदाधिकारियों ने ज्योति खंडेलवाल और अन्य को भगवा दुपट्टा पहना कर उनका पार्टी में स्वागत किया। नेताओं को शामिल किये जाने के मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि बीजेपी हवा नहीं तूफान है। उन्होंने कहा कि लोगों को मोदी जी की गारंटी पर विश्वास है इसलिए लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं। जोशाी ने कहा कि जिनकी ख़ुद की अब कोई गारंटी नहीं, उनकी गारंटी का कोई मतलब नहीं। गारंटी तो मोदी सरकार की है जो असंभव को संभव करके दिखाती है।
बता दें कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी ज्योति खंडेलवाल ने किशनपोल सीट से दावेदारी पेश की थी लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इससे ज्योति खण्डेलवाल काफी नाराज हुई थी और उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस से नाराज रहीं ज्योति ने राहुल गांधी को खुला पत्र भी लिखा था। बाद में कांग्रेस ने ज्योति को लोकसभा चुनाव में जयपुर सीट से टिकट दिया था।
कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकती हैं ज्योति
ज्योति खंडेलवाल जयपुर के परकोटा क्षेत्र में ही रहती हैं और वे वहीं से दो बार पार्षद भी रही हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी परकोटा क्षेत्र से काफी वोट प्राप्त किये थे। पिछली बार विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ज्योति को टिकट ना देकर अमीन कागजी को टिकट दिया था। इस बार भी ज्योति खंडेलवाल ने दावेदारी जताई लेकिन कांग्रेस ने किशनपोल सीट से फिर से अमीन कागजी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इससे नाराज होकर ज्योति भाजपा में आ गई। अब अगर भाजपा किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से उन्हें प्रत्याशी बनाती है तो कांग्रेस की मुश्किलें बढना तय माना जा रहा है।
ज्योति खण्डेलवाल किशनपोल विधानसभा क्षेत्र ही नहीं हवा महल की विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकती है। परकोटा क्षेत्र की पार्षद और जयपुर की महापौर रहते हुए वे लगातार परकोटा क्षेत्र में व्यस्त रही हैं। लगातार 20 साल तक सक्रिय राजनीति में रहने के कारण हजारों लोगों से उनका सीधा संबंध हैं। ऐसे में अगर पार्टी उन्हें हवामहल से प्रत्याशी घोषित करे तो भी वे कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकती हैं।

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