राजस्थान में देश के पहले प्रधानमंत्री (Country’s first PM) पंडित जवाहर लाल नेहरू(Nehru) के जन्म दिवस (birthday) यानी बाल दिवस (Children’s Day) को बेहद अनूठे ढंग से मनाया गया। जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अनेक मंत्रियों ने रविवार, 14 नवंबर 2021 को जयपुर के राम निवास बाग स्थित पं. जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित कर पौधारोपण भी किया। वहीं दूसरी ओर राजस्थान विधानसभा सदन के इतिहास में आज पहली बार बाल सत्र (Children’s session) का आयोजन किया गया जिसमें देश और प्रदेश के करीब 200 बच्चों ने विधायक और मंत्रियों की भूमिका निभायी।
संसदीय प्रक्रियाओं को समझना भी जरूरीः ओम बिड़ला
राजस्थान विधानसभा के सदन में बच्चों को मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, मंत्री और विधायक की भूमिका दी गई उनके बैठने की व्यवस्था भी उसी हिसाब से की गई। बाल सत्र के उद्घाटन सत्र को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संबोधित किया और कहा कि सवाल उठाने से सरकारें जवाबदेह होंगी और शासन में पारदर्शिता आएगी। यह विधानसभाओं और संसद से ही संभव है। संविधान के साथ संसदीय प्रक्रियाओं को समझना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कानून निर्माण में आमजन की सक्रिय भागीदारी होगी तो कानून ठीक बनेंगे और लागू होंगे। हमारे लिए यह चिंता की बात है कि संसद और विधानसभा में कानून बनाने से पहले बहस का समय घटता जा रहा है। पहले ज्यादा चर्चा होती थी, वह समय अब घट रहा हे। यह चिंताजनक है।
बच्चों के मन की बात सुननी होगीः सीपी जोशी
विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी का कहना था, ‘हमें बच्चों के मन की बात सुनकर उसके हिसाब से नीतियां बनाने पर सोचना होगा। केंद्रीय पंचायतीराज मंत्री के तौर पर जब मैं विदेश गया तो वहां लोकल सेल्फ गवर्नेंस पर चर्चा हो रही थी, वहां एक छात्र बैठा था। मैंने सोचा कि हमारे यहां लोकल सेल्फ गवर्नेंस में छात्रों को नहीं चुना जाता, छात्रों की समस्याओं को कौन उठाएगा? उस समय मैंने मन में कल्पना की कि हमें नये सिरे से देश की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नीति बनाते वक्त बच्चों की बात भी सुननी चाहिए।’
बच्चे हमसे बेहतरः कटारिया
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बच्चों ने हमसे अच्छे अनुशासन में सदन चलाया है, हम तो सदन की कार्यवाही को डिस्टर्ब करते रहते हैं। सच्चाई को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। देश के 15 राज्यों से बच्चों को बुलाकर बाल सत्र आयोजित कर अध्यक्ष ने इतिहास बनाया है। हमें वोटर की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए।