जयपुर। राजस्थान विधानसभा में निलंबित किए गए छह कांग्रेस विधायकों, जिनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल थे, का निलंबन गुरुवार को वापस ले लिया गया। इस तरह मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की पहल पर विधानसभा में चल रहे गतिरोध का पटाक्षेप हो गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
विवाद की शुरुआत प्रदेश के मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से हुई। कांग्रेस विधायकों ने इस टिप्पणी को लेकर सदन में विरोध किया और मंत्री से माफी मांगने व टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने की मांग की।
अशोक गहलोत का प्रदर्शन
इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया। गहलोत ने कहा, “सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है। पिछले तीन दिनों से मैं मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत कर रहा हूं, लेकिन सरकार कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।”
विपक्ष के आरोप
विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा, “सरकार हमें विधानसभा में प्रवेश से रोक रही है क्योंकि उन्हें डर है कि हम अपने मुद्दे रखेंगे। यह तानाशाही रवैया है।”
सरकार का पक्ष
हालांकि, बीजेपी नेताओं ने अविनाश गहलोत की टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उसमें कोई अपमानजनक मंशा नहीं थी।
कौन-कौन थे निलंबित विधायक?
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने इन छह कांग्रेस विधायकों को निलंबित किया था:
विधायक का नाम पद
गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
रामकेश मीना उपनेता प्रतिपक्ष
अमीन कागजी विधायक
जाकिर हुसैन गासावत विधायक
हकीम अली खान विधायक
संजय कुमार विधायक
क्या है अगला कदम?
कांग्रेस ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह सदन में जनता से जुड़े मुद्दे उठाती रहेगी।