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राजस्थानः आचार संहिता लागू होने के बाद रिकॉर्ड 227 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जब्ती

राजस्थान में अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियों ने मार्च महीने की शुरुआत से अब तक नशीली दवाओं, शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त बांटी जाने वाली वस्तुओं (फ्रीबीज) और अवैध नकद राशि के रूप में लगभग 227 करोड़ रुपये कीमत की जब्तियां की हैं। निर्वाचन विभाग के निर्देश पर लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च से अब तक एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई वस्तुओं की कीमत 129 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियां चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर कड़ी निगरानी कर रही हैं. इसी क्रम में प्रदेश भर में लगातार जब्ती की कार्रवाई की जा रही हैं. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 16 मार्च, 2024 से अब तक कुल 11.25 करोड़ रुपये नकद, लगभग 17.49 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स, लगभग 7.5 करोड़ रुपये की शराब और 22 करोड़ 64 लाख रुपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है. साथ ही, लगभग 66.96 करोड़ रुपये कीमत की अन्य सामग्री तथा 55.6 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं।
7 जिलों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती
गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में 7 जिलों में 10-10 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य की संदिग्ध वस्तुएं अथवा नकद बरामद हुआ है. ये जिले हैं: जोधपुर, पाली, जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, गंगानगर और बाड़मेर. जिला वार आंकड़ों के अनुसार, सर्वाधिक लगभग 31.47 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की जब्ती जोधपुर में हुई है। साथ ही, लगभग 17.12 करोड़ रुपये की जब्ती के साथ पाली दूसरे स्थान पर है। जयपुर में 16.89 करोड़ रुपये, उदयपुर में 12.91 करोड़ रुपये, भीलवाड़ा में 12.7 करोड़ रूपये, गंगानगर में 11.59 करोड़ और बाड़मेर में 10.36 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की जब्ती की जा चुकी है।
उपरोक्त वस्तुओं के अवैध परिवहन पर कार्रवाई करने वाली कार्यकारी एजेंसियों में राज्य पुलिस ने सर्वाधिक 152 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की पकड़ की है. आयकर विभाग ने कुल 32 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी विभाग ने 20 करोड़ रुपये, नारकोटिक्स ब्यूरो ने 8.87 करोड़ रुपये, कस्टम विभाग ने 4.65 करोड़ रुपये, एक्साइज विभाग ने 3.3 करोड़ रुपये, आसूचना निदेशालय ने 3.04 करोड़ रुपये, वन विभाग ने 1.9 करोड़ रुपये, केन्द्रीय जीएसटी ने 1.15 करोड़ रुपये तथा अन्य एजेंसियों ने 50 लाख रुपये की नकद राशि अथवा वस्तुएं पकड़ी हैं। इन जांच एवं निगरानी एजेंसियों और विभागों द्वारा प्रदेश भर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है और किसी भी संदेहास्पद मामले पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

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