कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गवाह को बयान दर्ज करने की मिली सुविधा
राजस्थान के जिला न्यायालयों (Rajasthan District Courts ) में शुक्रवार को एक नये अध्याय की शुरुआत हुई। जिला न्यायालयों को वीसी रोमोट पाइंट (VC Remote Point ) से जोड़ा गया है। इस तरह अब गवाह अपना बयान अब वीसी के माध्यम से दर्ज करा सकता है। बनीपार्क कोर्ट जयपुर एवं गंगानगर कोर्ट के न्यायाधीशों ने इस कार्य को प्रारंभ कर एक नई शुरुआत की है।
दोनों न्यायाधीशों की मदद एवं पहल से यह कार्य सफलतापूर्वक पूरा हुआ। उच्च न्यायालय में वीसी के जरिए दिए जाने वाले बयान को लेकर 2 अगस्त, 2021 को रूल्स नोटिफाई कर दिए है। राज्य सरकार ने इसके लिए सीआरपीसी में संशोधन किया है।
विशिष्ट शासन सचिव, गृह, वी. सरवन कुमार ने बताया कि गवाह को कई किलोमीटर की यात्रा के बाद कोर्ट में उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने से निजात मिलेगी। गवाह जिला न्यायालय के परिसर में वीसी रिमोट पाइंट के स्टूडियो में जाकर वीसी के माध्यम से अपना बयान दर्ज करा सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रथम फेज के रूप में सभी जिला न्यायालयों को वीसी रिमोट पाइंट से जोड़कर स्टूडियो बनाया गया है। इन स्टूडियो पर कॉर्डिनेटर नियुक्त किया गया है, जो कोर्ट का कर्मचारी है।
कुमार ने बताया कि प्रदेश की 1242 कोर्ट के लिए वीसी का हार्डवेयर इन्स्टॉल किया गया है। माइक्रोसाफ्ट टीम का लाईसेंस एवं फाइबर इंटरनेट कनेक्टिविटी दी गई है। द्वितीय फेज में तालुका कोर्ट में वीसी रिमोट पाइंट बनाया जाएगा। सरकारी ऑफिस एवं अस्पताल को भी इससे जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा वीसी के रूल्स नोटिफाई करने के बाद समय पर गवाह का बयान हो सकेगा। सरकारी खर्चे एवं समय की बचत होगी तथा ट्रायल भी जल्द ही संभव होगा। पारदर्शिता के साथ पूरी प्रक्रिया संम्पन्न होने से कोर्ट केस के लंबित मामलों में कमी आएगी।
क्या है वीसी से बयान देने की प्रक्रिया
इस प्रक्रिया के तहत पीपी के द्वारा अदालत से वीसी के माध्यम से साक्ष्य की अनुमति देने का अनुरोध किया जाता है। एक बार जब कोर्ट अनुमति दे देता है तो कोर्ट के अधिकारियों द्वारा वीसी स्लॉट बुक कर लिया जाता है। गवाह को जिला कोर्ट परिसर के वीसी रिमोट पाइंट में जाना होता है और गवाही देनी होती है। विवरण मेल द्वारा भेजा जाता है जिसे हस्ताक्षरित और स्केन करकर वापस कर दिया जाता है तथा मूल हस्ताक्षरित दस्तावेज गवाह के आईडी एवं दस्तावेज के साथ भौतिक रूप से भेजा जाता है।
आईपीएस शरत कविराज ने वीसी के जरिए दर्ज कराया बयान
एसओजी में डीआईजी शरत कविराज पहले आईपीएस अधिकारी है, जिन्होंने इस सुविधा का उपयोग कर अपना बयान दर्ज कराया। कविराज एसीबी मामले में अभियोजन स्वीकृति देने के मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में जयपुर मेट्रोपोलिटन कोर्ट के वीसी रूम में उपस्थित होकर गंगानगर कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। इस मामले का ट्रायल गंगानगर कोर्ट में चल रहा है। कविराज का कहना है कि मुझे गंगानगर कोर्ट में गवाह के रूप में बयान देने के लिए करीब 1000 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती तथा तीन दिन सरकारी कार्यालयों में अनुपस्थित रहना पड़ता। अब राज्य सरकार एवं उच्च न्यायालय की इस पहल से समय की बचत होगी एवं ट्रायल भी तेज होगा।