चुनाव से पहले वोटर्स को लुभाने के लिए योजनाओं के जरिए पैसा बहाया जा रहा है। राजस्थान में इस तिमाही यानी अप्रेल से अगस्त तक सरकार 12,288 करोड़ कर्ज ले चुकी है, जबकि अक्टूबर-दिसंबर में 14,000 करोड़ और कर्ज लेगी। अगर आरबीआई की रिपोर्ट की मानें, तो 2022-23 के दौरान राजस्थान का कर्ज बढ़कर 5,37,013 करोड़ हो गया है।
राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्ता के शिखर तक पहुंचने के लिए राजनीतिक पार्टियां पूरा दमखम लगा रही हैं। राजस्थान सरकार जहां एक के बाद एक घोषणाएं कर रही है, वहीं बीजेपी भी वोटर्स को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही। ऐसे में सवाल यह है कि इन योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसा आएगा कहां से? अगर सरकार कर्ज भी लेती है तो इसे चुकाने के लिए क्या तरीका अख्तियार किया जाएगा। चुनाव से पहले वोटर्स को लुभाने के लिए योजनाओं के जरिए पैसा बहाया जा रहा है।
पांच लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है राजस्थान पर
राजस्थान में इस तिमाही यानी अप्रेल से अगस्त तक सरकार 12,288 करोड़ कर्ज ले चुकी है, जबकि अक्टूबर-दिसंबर में 14,000 करोड़ और कर्ज लेगी। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 के दौरान राजस्थान का कर्ज बढ़कर 5,37,013 करोड़ हो गया है। जो एक साल पहले 4,58,089 करोड़ था। राजस्थान सरकार बॉन्ड भी बाजार में जा रही है। पंजाब के बाद ये प्रदेश देश में सबसे ज्यादा कर्ज में डूबा हुआ है। वहीं, चुनाव के लिए की गई घोषणाओं का भी दबाव है।
आखिर कहां खर्च हो रहा है पैसा?
वोटर्स को लुभाने के लिए राज्य सरकार फ्री ब्री योजनाएं या जिन्हें सामाजिक न्याय की योजनाएं बता रही है, उन पर जमकर पैसा बहा रही है। पिछले 6 महीने में आधा दर्जन बड़ी योजनाओं में काफी पैसा आवंटित किया गया है।
1- राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना (बोझ 4,500 करोड़)
इस योजना से लगभग 1.10 करोड़ लोगों को लाभ देने की योजना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले परिवार इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना में लाभार्थी को एक सीलबंद पैकेट में एक किलो दाल, एक किलो चीनी, एक किलो नमक, 100 ग्राम मिर्च पाउडर, 100 ग्राम धनिया पाउडर, 50 ग्राम हल्दी पाउडर के साथ एक लीटर रिफाइंड तेल दिया जा रहा है। इस योजना के लिए सरकार सालाना 4,500 करोड़ खर्च करेगी।
2- मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना 2023 (बोझ 1200 करोड़़)
इस योजना के तहत चिरंजीवी परिवार की महिलाओं को सरकार की ओर से स्मार्टफोन निशुल्क दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ 1 करोड़ 35 लाख महिलाओं को मिलेगा। मोबाइल फोन के लिए कोई पैसा नहीं लगेगा। यह योजना राज्य सरकार द्वारा लागू की गई है। फ्री मोबाइल योजना 2023 के तहत स्मार्टफोन के साथ 3 साल का डाटा और कॉलिंग भी मुफ्त मिलेगी। सरकार द्वारा योजना का लाभ चिरंजीवी परिवार की महिला मुखियाओं को दिया जाएगा। योजना का बजट 1200 करोड़ रुपये है।
3- हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त (बोझ 7000 करोड़़)
राज्य में ग्रिड से जुड़े 1 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को कांग्रेस सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप राजस्थान में 1 जून से प्रत्येक घर को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त दे रही है। इस योजना से राज्य के खजाने पर सालाना 7,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है।
4- वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी (बोझ 12,000 करोड़़)
राजस्थान सरकार ने इस साल वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की भी घोषणा की है। इस पेंशन योजना में हर साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। बढ़ी हुई पेंशन से सालाना 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान लगभग 367 करोड़ रुपये होगा।
5- 500 रुपये में गैस सिलेंडर (बोझ 750 करोड़़)
राजस्थान सरकार ने इसी साल उज्ज्वला योजना के तहत 76 लाख परिवारों को कवर करते हुए उपभोक्ताओं के लिए 500 रुपये प्रति यूनिट एलपीजी सिलेंडर की घोषणा की। इससे सरकार पर हर साल 750 करोड़ रुपये का अनुमानित बोझ बढ़ेगा। जहां एक तरफ बीजेपी के वरिष्ठ विधायक नरपत सिंह राजवी ने कहा कि राजस्थान कर्ज के जाल में फस चुका है और आखिर में इसका असर गरीबों पर ही पड़ेगा। वहीं, राजस्थान सराकर के मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि यह कर्ज अगर हम लेते हैं तो लौटाते भी हैं।