नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने सोमवार, 25 नवंबर को फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के तत्कालीन ओएसडी लोकेश शर्मा को गिरफ्तार किया। हालाँकि, शर्मा को जमानत मिल गई, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पुलिस उनकी हिरासत में पूछताछ के लिए रिमांड की मांग कर सकती है। शर्मा के ‘एप्रूवर’ बनने की खबरों पर पुलिस ने कोई पुष्टि नहीं की है।
मामला क्या है?
• यह मामला जुलाई 2020 का है, जब अशोक गहलोत की सरकार को तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थकों की बगावत का सामना करना पड़ा था।
• 25 मार्च 2021 को केंद्रीय मंत्री और जोधपुर से भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
• एफआईआर में आरोप लगाया गया कि शर्मा ने शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच कथित टेलीफोनिक बातचीत के ऑडियो क्लिप प्रसारित किए। इन ऑडियो क्लिप्स में गहलोत सरकार गिराने की चर्चा होने का दावा किया गया था।
शर्मा की गिरफ्तारी के बाद नई जानकारियां सामने आने की संभावना
• शर्मा को पिछले चार वर्षों में कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया, हाल ही में सितंबर 2024 में उनसे पूछताछ हुई थी।
• सूत्रों के अनुसार, शर्मा ने दावा किया कि गहलोत ने उन्हें एक पेन ड्राइव सौंपी, जिसमें ऑडियो रिकॉर्डिंग्स थीं।
• शर्मा ने आरोप लगाया कि गहलोत ने इन रिकॉर्डिंग्स को मीडिया में जारी करने के निर्देश दिए थे। शर्मा ने यह भी कहा कि गहलोत ही इस मामले की पूरी जानकारी दे सकते हैं।
• शर्मा ने पेन ड्राइव और अन्य सबूत दिल्ली पुलिस को सौंप दिए।
दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
• 15 नवंबर 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट ने शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी, क्योंकि शर्मा ने इस प्रकार की सुरक्षा के लिए अपनी याचिका वापस ले ली थी।
• शर्मा ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने जांच में शुरुआत से सहयोग किया है और आगे भी करते रहेंगे।
शर्मा के आरोप
• शर्मा ने आरोप लगाया कि गहलोत ने कई नेताओं, जिनमें सचिन पायलट और उनके सहयोगी शामिल हैं, की निगरानी करवाई और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी।
• उन्होंने 16 जुलाई 2020 की घटनाओं का जिक्र करते हुए सात पन्नों का बयान पुलिस को सौंपा।
• शर्मा ने दावा किया कि उन्होंने रिकॉर्डिंग्स को पहले लैपटॉप पर ट्रांसफर किया, फिर अपने फोन पर, और इसके बाद सोशल मीडिया पर अपलोड किया।
आगे की कार्रवाई
लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी से यह मामला नए विवादों को जन्म दे सकता है। यदि शर्मा ‘एप्रूवर’ बनते हैं, तो यह मामला अशोक गहलोत और कांग्रेस के लिए बड़ा संकट साबित हो सकता है।
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