राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार पर ग्रामीण ओलंपिक खेलों में बड़ा घपला करने आरोप लगा है। यह आरोप आज विधानसभा में विधायक मनोज न्यांगली ने लगाया। उन्होंने कहा कि इसमें 1 अरब 26 करोड़ के तो निकर और टी शर्ट ही बांटे दिए गए थे। सरकार इसकी पूरी जांच करवाए।
राजस्थान विधानसभा में आज पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों का मामला उठा। सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली ने यह मामला उठाया। न्यांगली ने खेलों के आयोजन में बड़े घोटाले के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक पर 1.95 अरब की राशि खर्च की गई थी। इनमें से 1 अरब 26 करोड़ के तो निकर और टी शर्ट ही बांटे दिए गए थे। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार इसकी जांच कराए।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक मनोज न्यांगली ने घोटाले के साथ ही अन्य आरोप भी लगाए। उन्होंने अधिकारियों पर सदन को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। न्यांगली बोले कि तीन अधिकारियों को चार्ज शीट मिल चुकी है। मंत्री की जानकारी में इस तथ्य छिपाया गया है। यह सदन का अपमान है। उन्होंने खेलों के आयोजन से जुड़े तथ्यों को लेकर कहा कि ग्रामीण ओलंपिक पर 1.95 अरब की राशि खर्च की गई। इसकी जांच होनी चाहिए।
इस पर वाणिज्य एवं उद्योग और खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ बोले कि पूरे मामले की जांच कराएंगे। ये बड़ी चिंता का विषय है। जितना बजट था, उससे चार गुना खर्च कर दिया गया। इसकी टेंडर प्रक्रिया की पूरी जांच कराई जायेगी। यह जांच वित्त विभाग से कराई जाएगी। मुख्य खेल अधिकारी की भी जांच कराएंगे।
सदन में अवैध खनन की गूंज भी सुनाई दी
इस दौरान सदन में आज बारां जिले के अवैध खनन की गूंज भी सुनाई दी। विधायक ललित मीणा ने इसको लेकर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि बिना लीज के खनन हो रहा है। इस पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब देते हुए कहा कि 15 जनवरी से अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। बारां में अवैध खनन के 18 मामले पकड़े गए हैं। वहां से जितनी भी शिकायतें आई हैं, उन पर कार्रवाई कराएंगे।
बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा भी बरसे
वहीं, बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने आरोप लगाया कि अवैध खनन के नाम पर पुलिस ज्यादती कर रही है। उन्होंने बूंदी पुलिस अधीक्षक पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि एक जगह खड़े वाहनों को पुलिस ने जब्त कर लिया। बूंदी एसपी ने उन वाहनों को अवैध खनन में लिप्त बता दिया। लेकिन जब जनता ने हंगामा किया तो रिवाइज प्रेस नोट जारी कर लावारिस बता दिया। पुलिस ने गलती छिपाने के लिए वाहनों को लावारिस बताया था।