जयपुर। राज्य सरकार ने अलवर विमंदित बालिका के प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जल्द केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी। यह निर्णय रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर वीसी के माध्यम से हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।
बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध शाखा आरपी मेहरड़ा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुरक्षा एस सेंगथिर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी और जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री जूली ने पीड़िता के परिवार से घर पर जाकर की मुलाकात
उधर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवं कारागार विभाग मंत्री टीकाराम जूली रविवार को अलवर में 11 जनवरी को विमंदित बालिका के साथ हुई दुःखद घटना की पीड़िता के परिजनों से घर पर जाकर मिले। जूली ने घटना पर गहरा दुःख जताते हुए परिजनों से कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले की गंभीरता को समझते हुए स्वयं पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। घटना की पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से जांच कराई जा रही है। पुलिस को निर्देशित किया है कि मामले का जल्द से जल्द खुलासा करें।
उन्होंने बताया कि उनके निर्देश पर जिला प्रशासन ने घटना के अगले ही दिन पीड़ित परिवार को 3.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता स्वीकृत की। वे स्वयं जानकारी मिलते ही जेके लोन अस्पताल जाकर पीड़ित बेटी और परिवार से मिले है। परिजन राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई गई चिकित्सकीय व्यवस्था एवं अंतरिम सहयोग राशि तथा घटना को लेकर बरती जा रही तत्परता से संतुष्ट है। मूक बधिर बच्ची के लिए विशेष शिक्षकों द्वारा काउंसलिंग भी की जा रही है ताकि बच्ची के बयानों के आधार पर मामले का खुलासा किया जा सके। जूली ने परिवार को मौके पर आर्थिक सहायता देते हुए पीड़िता के भाई-बहन की पढ़ाई एवं परिजनों को संविदा पर नौकरी दिलाने के लिए आश्वस्त किया।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मुख्य सचिव से मांगी रिपोर्ट
अलवर में नाबालिग अल्पसंख्यक समुदाय की मूक-बधिर बच्ची पर यौन हमले के मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य से 24 जनवरी तक मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है।अल्पसंख्यक आयोग ने राजस्थान सरकार से कई सवाल पूछे हैं। इस मामले के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया या नहीं ? अगर गिरफ्तारी हुई है, तो किन धाराओं के तहत हुई है? अगर गिरफ्तारी नहीं हुई, तो अब तक क्या कार्रवाई की गई ? आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ? जैसे सवाल सरकार से पूछे गए हैं।