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कोचिंग विद्यार्थियों का ऑनलाइन रजिस्टर तैयार करेगी राजस्थान सरकार

देशभर में कोचिंग हब के रूप में विख्यात कोटा शहर में इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों का एक ऑनलाइन रजिस्टर तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। स्टूडेंट रजिस्टर बनाने का काम राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड (आरआईएसएल) द्वारा किया जाएगा। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 68 लाख रुपए है।

गहलोत के इस निर्णय के बाद कोटा शहर में कोचिंग कर रहे लगभग दो लाख विद्यार्थियों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा, ताकि प्रदेश में रह रहे इन प्रवासियों की सही संख्या तथा व्यक्तिगत विवरण का रिकॉर्ड उपलब्ध हो। विद्यार्थियों का विवरण उपलब्ध होने पर कोविड-19 के संक्रमण जैसी परिस्थितियों में इनके लिए आवश्यक व्यवस्थाओं का प्रबंधन करना आसान होगा। इसी तरह के स्टूडेंट रजिस्टर प्रदेश के कोचिंग संस्थानों वाले अन्य शहरों के लिए भी तैयार किए जाएंगे।

सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से प्राप्त प्रस्ताव के अनुसार, स्टूडेंट डेटाबेस तैयार करने का उद्देश्य सभी कोचिंग विद्यार्थियों के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप तैयार करना है, जिसमें विद्यार्थियों के स्थाई पते एवं परिजनों के विवरण के साथ-साथ, कोचिंग संस्थान, हॉस्टल, पेइंग गेस्ट, प्राइवेट स्टे-होम, मेस आदि सुविधाओं की जानकारी भी दर्ज होगी। इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों को कोचिंग, आवास एवं खाने-पीने से जुड़ी समस्याओं तथा शिकायतों को दर्ज करने एवं इनके निस्तारण की सुविधा दी जाएगी।

स्टूडेंट रजिस्टर का उपयोग अभिभावकों को विद्यार्थियों के क्लास शेड्यूल तथा कोचिंग संस्थान में उनकी उपस्थिति एवं अनुपस्थिति के बारे में सूचित करने के लिए किया जा सकेगा। विशेष परिस्थितियों में डेटाबेस में दर्ज फोन नंबर पर आवश्यक सूचनाएं और संदेश भेजे जा सकेंगे। स्थानीय प्रशासन इस डेटाबेस का उपयोग संबंधित शहर में संपूर्ण कोचिंग व्यवस्था के बेहतर प्रबंधन और शहर तथा क्षेत्र विशेष की विकास योजनाओं की प्लानिंग के लिए भी करेगा।

उल्लेखनीय है कि कोटा शहर में लगभग 50 छोटे और 10 बड़े कोचिंग संस्थान हैं, जहां लगभग 2 लाख विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। यहां लगभग 25 हजार पेइंग गेस्ट सुविधाएं, 3 हजार हॉस्टल तथा 1800 मेस संचालित हैं। कोटा में इस व्यवसाय का वार्षिक कारोबार 3 हजार करोड़ से अधिक का है।

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