राजस्थान में नई सरकार बन तो गई, लेकिन रफ्तार बहुत धीमी है। दो दिन बाद ही चुनाव परिणाम आए पूरा एक माह हो जाएगा, लेकिन सीएम और डिप्टी सीएम के अलावा सरकार कहीं नजर नहीं आ रही है। पहले सीएम चयन में देरी, फिर मंत्रिमंडल गठन में काफी देरी की गई। अब नए मंत्री बना दिए तो मंत्रियों के विभाग बंटवारे में देरी हो रही है।
शनिवार दोपहर में नए 22 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि शपथ ग्रहण के बाद शाम तक नए मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो जाएगा। लेकिन दो दिन बाद भी मंत्रियों के बंटवारे का कोई-अता पता नहीं है। इधर, यह भी चर्चा चल पड़ी है कि छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में मंत्रिमण्डल गठन के पांच-छह दिन बाद मंत्रियों को विभाग बांटे गए थे। ऐसे में यहां भी यह परम्परा अपनाई गई तो अभी मंत्रियों के विभाग मिलने में देरी हो सकती है।
अब अच्छे विभाग के लिए लॉबिंग
भाजपा के 115 विधायक जीते हैं। सीएम व डिप्टी सीएम बनने के बाद लगभग सभी विधायक पहले मंत्री बनने की लॉबिंग में जुटे हैं। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि जिस तरह से नए सीएम भजनलाल शर्मा को पहली बार विधायक बनने के बाद सीएम के पद से नवाजा गया है, ऐसे में किसी भी विधायक को मंत्री बनाया जा सकता था। यह हुआ भी। चार विधायक जो पहली बार जीते हैं, उन्हें मंत्री बनाया गया है। अब 22 मंत्री अच्छे विभाग की उम्मीद लगाए हुए हैं। वे लॉबिंग में भी जुट गए हैं।
इन विभागों पर है सबकी नजर
गृह, नगरीय विकास, चिकित्सा, शिक्षा परिवहन, कृषि, बिजली-जलदाय ये प्रमुख विभागों में आते हैं। ऐसे में कई नए मंत्री इन विभागों पर नजर लगाए हुए हैं। मंत्री बनने के बाद कई मंत्रियों ने सीएम भजनलाल शर्मा व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात भी की है। इसके अलावा कुछ विभाग सीएम भी अपने पास रख सकते हैं।