जयपुर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय व्यय में मितव्ययता परिपत्र के बिंदु संख्या 5 (i) में शिथिलन देते हुए 52 नवीन/क्रमोन्नत न्यायालय मय स्टाफ खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मितव्ययता परिपत्र में ढिलाई
उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य सरकार द्वारा तीन सितम्बर, 2020 को जारी राजकीय मितव्ययता परिपत्र के अनुसार में कहा गया था कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 100 प्रतिशत राज्यनिधि से वित्त पोषित कोई भी नया कार्यालय खोले जाने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी तथा पूर्व में स्वीकृत कार्यालय जो आरम्भ नहीं हुए हैं, उन्हें भी इस वित्तीय वर्ष में स्थापित नहीं किया जाएगा।। लेकिन, मुख्यमंत्री ने इसमें शिथिलन या ढिलाई देते हुए इन न्यायालयों को मय स्टाफ खोलने को मंजूरी दे दी है।
एकमुश्त करीब 156 करोड़ रुपए होंगे
उल्लेखनीय है कि 52 नवीन न्यायालयों पर करीब 156 करोड़ रुपए का एकमुश्त व्यय एवं 52 करोड़ रुपए वार्षिक व्यय होने की संभावना है। एकमुश्त व्यय में नवीन न्यायालय भवन तथा फर्नीचर पर तीन करोड़ रुपए प्रति न्यायालय यानी 52 न्यायालयों पर 156 करोड़ रुपए खर्च होना संभावित है।