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राजस्थान: एसआई भर्ती 2021 पर हाईकोर्ट की रोक, आउट परेड और पोस्टिंग पर रोक के आदेश

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती 2021 पर बड़ा फैसला सुनाते हुए आउट परेड और पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। यह फैसला पेपर लीक मामले में उलझी इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर आया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक याचिकाकर्ताओं की अपील पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक भर्ती प्रक्रिया के तहत किसी भी तरह की नियुक्ति या परेड नहीं होगी। यह आदेश हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने जारी किया है।
50 ट्रेनी एसआई गिरफ्तार
पेपर लीक मामले की जांच कर रही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने इस प्रकरण में बड़े स्तर पर गड़बड़ियों का खुलासा किया है। एसओजी के अनुसार, अब तक 50 चयनित ट्रेनी एसआई गिरफ्तार हो चुके हैं। साथ ही पेपर लीक में शामिल विभिन्न गैंगों के 30 से अधिक लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
इस मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व सदस्य रामू राम राईका और मौजूदा निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी हो चुकी है। कटारा पर पेपर लीक करने और राईका को सौंपने का आरोप है। इसके अलावा, राईका के बेटे और बेटी को भी पेपर पहले से प्राप्त होने और भर्ती में चयनित होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग तेज
पेपर लीक प्रकरण के उजागर होने के बाद एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है। भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं। उन्होंने पहले कांग्रेस सरकार और अब मौजूदा सरकार के खिलाफ इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने के लिए तथ्य और सबूत पेश किए हैं।
पिछले सप्ताह, जयपुर में दो बेरोजगार युवाओं ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ने का प्रदर्शन किया था। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने उन्हें भरोसा दिलाकर टंकी से नीचे उतारा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाएगा।
आरपीएससी से हुआ था पेपर लीक
एसओजी की जांच के अनुसार, एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर आरपीएससी कार्यालय से ही लीक हुआ था। बाबूलाल कटारा ने परीक्षा से पहले पेपर लीक करके इसे रामू राम राईका को सौंपा। राईका ने अपने परिवार के सदस्यों को पेपर उपलब्ध कराया, जिनका बाद में चयन हुआ। इस खुलासे के बाद राईका और उनके परिवार के लोग जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
आगे की कार्रवाई
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य सरकार और एसओजी पर भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ गया है। भर्ती परीक्षा को रद्द करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांगें तेज हो रही हैं। इस मामले में कई और ट्रेनी एसआई अभी जांच के दायरे में हैं।
यह प्रकरण राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करता है और इसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग बढ़ती जा रही है।

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