अजमेर में होटल स्टाफ से मारपीट के मामले में आईपीएस सुशील बिश्नोई व आईएएस गिरधर बेनीवाल का नाम सामने आने के बाद युवा अफसरों का व्यवहार और काम करने का तरीका चर्चा में है। आरोप है कि मारपीट के दौरान दोनों नशे में थे। वहीं, सरकार ने दोनों को निलंबित भी कर दिया। इस बीच, युवा आईएएस व आईपीएस अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का रिकाॅर्ड खंगाला जाए तो पता चलता है कि ज्यादातर युवा अफसरों का काम करने का तरीका सरकार को रास नहीं आ रहा।
राजस्थान में 2017 से 2020 बैच के 34 आईएएस व 19 आईपीएस अफसर हैं। इनमें से 45 फीसदी ऐसे हैं, जिनसे सरकार ने एक पद पर पर एक साल तक भी सेवाएं नहीं लीं। यानी एक साल पहले ही नए पद पर तैनाती कर दी। सरकार ने 34 आईएएस में से 15 व 19 आईपीएस में से 9 का एक साल से भी कम समय में दूसरी जगह तबादला किया। इनमें से कुछ का ही विवादों से नाता रहा, बाकी का तबादला प्रशासनिक वजहों से हुआ।
एक साल में इनका ट्रांसफर
आईएएस- डॉ गौरव सैनी, श्वेता चैहान, उत्साह चौधरी, अवधेश मीणा, देवेंद्र कुमार, अक्षय गोदारा, अपर्णा गुप्ता, अतुल प्रकाश, कनिष्क कटारिया, राहुल जैन, ऋषभ मंडल, गिरधर बेनीवाल, सिद्धार्थ पालानीचामी, प्रतिभा वर्मा व मृदुल सिंह।
आईपीएस- शैलेंद्र इंदोलिया, वंदिता राणा, विकास सांगवान, ज्येष्ठा मैत्रेयी, सुशील बिश्नोई, बृजेश उपाध्याय, रंजीता शर्मा, हरिशंकर व प्रवीण नायक।
एक महीने में ही दूसरी बार ट्रांसफर
2018 बैच के आईएएस उत्साह चैधरी का 17 जून को जारी सूची में गृह विभाग के संयुक्त शासन सचिव पद से अतिरिक्त आयुक्त, वाणिज्यिक कर विभाग में तबादला हुआ है। गृह विभाग में उनकी तैनाती 15 मई को ही हुई थी। इससे पहले वे राजसमंद जिला परिषद में सीईओ के पद पर तैनात थे।
11 महीने में 3 पदों पर जिम्मेदारी मिली
2017 बैच में आईएएस अवधेश मीणा का पिछले साल 4 जुलाई को सीईओ हेरिटेज नगर निगम से कमिश्नर, जोधपुर जेडीए तबादला हुआ। 17 अक्टूबर को एपीओ हुए। इस साल 23 फरवरी को संयुक्त सचिव, निशक्तजन व 17 जून को संयुक्त सचिव, गृह विभाग में तैनाती की गयी।