चुनावजयपुर

करणपुर में बीजेपी को करारा झटका: 12570 वोटों से चुनाव हारे सुरेंद्र पाल टीटी, 10 दिन पहले बने थे मंत्री

राजस्थान में बीजेपी ने जिस प्रत्याशी को मंत्री बनाने के बाद चुनाव मैदान में उतारा था। वह 12 हजार वोटों से चुनाव हार चुके हैं। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट के नतीजों का एलान हो चुका है, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है।
राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सोमवार सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो गई थी। यहां कई उम्मीदवारों में एक नाम बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र पाल सिंह टीटी का भी था। उनके पास इस सीट के अलावा और भी बहुत कुछ दांव पर था। वे हाल ही में बीजेपी सरकार में मंत्री बनाए गए हैं।
ये नतीजे उनके मंत्री पद का भी फैसला करेंगे। दोपहर 12 बजे तक बीजेपी के सुरेंद्र पाल कांग्रेस प्रत्याशी से 4 हजार से ज्यादा वोटों से पीछे थे। पिछले महीने चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस उम्मीदवार और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कूनर के निधन के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया था। उसके बाद उपचुनाव की घोषणा हुई थी। कांग्रेस ने कूनर के बेटे रूपिंदर सिंह को इस सीट से मैदान में उतारा है।
गहलोत ने जीत की बधाई दी
नतीजे घोषित होने से पहले ही राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस प्रत्याशी को जीत की बधाई दे दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है। श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है।
81.38 प्रतिशत मतदान हुआ था
इस सीट पर शुक्रवार को 81.38 प्रतिशत मतदान हुआ था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 14 टेबलों पर ईवीएम की गिनती होगी। डाक मतपत्रों की गिनती के लिए दो टेबलें लगाई गई थीं। इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसारित डाक मतपत्रों की गिनती के लिए एक टेबल रखी गई थी।
कांग्रेस ने शपथ पर जताई थी आपत्ति
इससे पहले राज्य में कुल 199 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी 115 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने 69 सीटें जीती थीं। बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो सुरेंद्र पाल सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। इस पर कांग्रेस ने आपत्ति भी जताई थी। कांग्रेस का कहना था कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। उम्मीदवार के हार-जीत के नतीजे से पहले ही मंत्री पद की शपथ दिलाना गैर कानूनी है।

Related posts

देश में केवल 10 जगह है जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा, राजस्थान में भी जल्द शुरू होगी, इससे स्ट्रेन का पता लगाकर किया जा सकेगा उपचार: चिकित्सा मंत्री

admin

24 व 25 जनवरी (January) को जयपुर (Jaipur) में होगा इनवेस्ट राजस्थान-2022 (Invest Rajasthan-2022) समिट

admin

अमृतपाल के खालिस्तान की तुलना हिंदू राष्ट्र से: मुख्यमंत्री गहलोत ने छेड़ी नई बहस

Rakesh Ranjan