पशुपालन विभाग की ओर से ऊंट (camels) बाहुल्य क्षेत्रों में शनिवार से ऊष्ट्र कल्याण शिविरों (camel welfare camps) की शुरुआत हुई। 28 अगस्त तक प्रत्येक शनिवार को पशु चिकित्सा संस्थान एवं ऊष्ट्र बाहुल्य गांवों में 333 शिविर लगाए जाएंगे।
पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि इन शिविरों में ऊंटों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परीक्षण (medical and health examination) के साथ-साथ ऊष्ट्र कल्याण गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाएगा। शिविरों के आयोजन के लिए आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए इनकी शुरुआत कर दी गई है। उन्होंने अधिकाधिक पशुपालकों से इन शिविरों का फायदा लेने का आह्वान किया है।
पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरुषि मलिक ने बताया कि पशु चिकित्सालय परिसर, ऊंटों के डेरों एवं ऊष्ट्र बाहुल्य क्षेत्र में लगने वाले इन शिविरों में ऊंटों में पाए जाने वाले तिबरसा (सर्रा) रोग की जांच कर आवश्यक उपचार किया जाएगा। उन्होंने राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या पर चिंता जताते हुए बताया कि इस समस्या को दूर करने के लिए समूचे प्रदेश में यह शिविर आयोजित कर ऊष्ट्र वंश की वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पशुपालन विभाग की ओर से गत मार्च माह में चलाये गये ऊष्ट्र कल्याण अभियान के तहत 340 शिविर आयोजित कर 21 हजार 600 से अधिक ऊंटों का उपचार किया गया था।