जयपुर

राजस्थान (Rajasthan) में निजी अस्पतालों (private hospitals) की व्यवहारिक समस्याओं को दूर करने के लिए बनाया जाएगा रिड्रेसल सिस्टम (redressal system)

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा’ योजना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना से प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों (private hospitals) को जोड़ा जाएगा। निजी अस्पतालों की व्यवहारिक समस्याओं के समाधान के लिए रिड्रेसल सिस्टम (redressal system) विकसित किया जाएगा। प्रदेश के सभी निजी अस्पताल सरकार का सहयोग कर योजना को सफल बनाएंगे, तो प्रदेशवासियों को स्वस्थ व निरोगी रखा जा सकता है।

डॉ. शर्मा शनिवार को प्रदेश की निजी अस्पतालों तथा योजना से अभी नहीं जुड़े अस्पतालों के प्रतिनिधियों से वर्चुअल चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि इस योजना का लाभ सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के जरिए आमजन को मिले। अस्पतालों की व्यवहारिक समस्याओं को दूर करने के लिए सिस्टम विकसित कर व्यक्तिगत तौर पर भी सुनवाई की जाएगी।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में ही ऐसी जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि योजना से कोई भी निजी अस्पताल दूरी ना बनाए। निजी अस्पतालों से जुड़ी दरों में असमानता, मेडिकल मेनेजमेंट, रेट एक्रिडेशन की समस्या को जल्द ही सुलझाया जाएगा। सरकार निजी अस्पतालों से अस्पताल परिसर में बीमारी संबंधित जानकारी डिसप्ले करने और हैल्प डेस्क स्थापित करने की भी अपेक्षा करती है ताकि मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके। अस्पताल में सुविधा नहीं होने पर हैल्प डेस्क द्वारा मरीजों को अन्य सुविधायुक्त अस्पतालों में रैफर करने की व्यवस्था हो।

प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा ने बताया कि कोविड महमारी के दौरान प्रदेश के निजी अस्पतालों ने चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में भरपूर सहयोग किया। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के बेहतर क्रियान्वयन में भी सरकार ऐसी ही अपेक्षा करती है। सरकार निजी अस्पतालों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करेगी लेकिन निजी अस्पतालों को भी ‘नो पेशेंट रिटर्न’ पॉलिसी अपनानी होगी।

हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणा राजोरिया ने पीपीटी प्रजेंटेशन के जरिए योजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर से 750 राजकीय और 469 निजी अस्पतालों के जरिए आमजन को योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश के 191 ऐसे अस्पताल योजना से जुड़ने से वंचित हैं, जिन्हें जोड़ा जाना है।

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