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अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में राजस्थान दिवस पर सांस्कृतिक संध्या में राज्य के लोक कलाकारों ने समां बांधा

जयपुर। नयी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 43 वें भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में सोमवार की शाम एमफी थियेटर पर राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने ऐसा समा बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। कार्यक्रम के प्रारंभ में राजस्थान पर्यटक स्वागत केन्द्र की उप निदेशक दीपाली शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर राजस्थान की दिल्ली में संयुक्त आवासीय आयुक्त रिंकू मीना और जनसंपर्क अधिकारी डॉ शिवराम मीना सहित अन्य कार्यालयों के अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद थे।
शर्मा ने बताया कि दो घंटे से भी अधिक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति सबसे आकर्षक रही। उन्होंने बताया कि जोधपुर के सुआ सपेरा और उनके दल की नृत्यांगनाओं ने लोक हर्षक प्रस्तुति दी। उन्होंने अपने शरीर को रबर की गुड़िया की तरह तोड़-मोड़ कर गजब की लचक के साथ ऐसा अनूठा नृत्य प्रस्तुत किया कि दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गये। नृत्यांगनाओं ने मुंह और आंखों की पलकों से अंगूठी उठाकर भारी करतल ध्वनि अर्जित की।
पर्यटक स्वागत केन्द्र के सहायक निदेशक छत्रपाल यादव ने बताया कि सांस्कृतिक संध्या के प्रारम्भ में बाड़मेर से आए भुंगर खान एवं उनके दल के सदस्यों ने खड़ताल वादन एवं गायन से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। उन्होंने बताया कि भरतपुर के गफरूद्दीन मेवाती एवं पार्टी ने भपंग वादन से समां बांधा। दिल्ली की कल्पना चौहान एवं उनकी संगिनियों द्वारा प्रस्तुत घूमर नृत्य पर उपस्थित आगंतुकों ने तालियां बजाकर उनकी प्रशंसा की।
पर्यटक स्वागत केन्द्र के पर्यटन अधिकारी मनोज शर्मा ने बताया कि पाली से आई गंगा देवी और पार्टी ने ‘तेरह ताल नृत्य’ और बारां से आये शिवनारायण एवं उनके दल ने ‘चकरी नृत्य’ से सभी का मन हर्षित किया। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जयपुर के जीतू भवई के भवई नृत्य और दिल्ली के श्री अनीसुद्दीन और उनके दल द्वारा प्रस्तुत चरी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के उद्घोषक अलवर के खेमेन्द्र सिंह थे।

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