जयपुर

राजस्थान में ओबीसी (OBC)वर्ग कांग्रेस से बेजार, छोटे-छोटे पदों के लिए लगानी पड़ रही गुहार

अगले विधानसभा चुनावों में राजस्थान का ओबीसी वर्ग बड़ा उलटफेर कर सकता है। भाजपा की नजर प्रदेश के ओबीसी (OBC)और एससी-एसटी (SC-ST) वर्ग पर है क्योंकि दोनों ही वर्ग हमेशा से कांग्रेस के बड़े वोटबैंक रहे हैं। भाजपा में इन वर्गों को बिना मांगे ही बड़े-बड़े पदों से नवाजा जा रहा है, लेकिन कांग्रेस में अब ओबीसी जातियों का बड़ा वोटबैंक बेजार है और छोटे-मोटे पदों के लिए भी उसे बार-बार गुहार लगानी पड़ रही है।

मामला कांग्रेस के जयपुर शहर अध्यक्ष पद का है। आज तक कांग्रेस ने कभी भी जयपुर में ओबीसी वर्ग के व्यक्ति को इस पद पर नहीं बिठाया है, जबकि जयपुर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में ओबीसी वोटरों की संख्या 65 फीसदी से अधिक है। ओबीसी वर्गों में कहा जा रहा है कि कांग्रेस भी अब तिलक, तराजू और तलवार वाली पार्टी बनती जा रही है और ओबीसी वर्गों को यह कहकर खुश किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष का पद ओबीसी को मिला हुआ है न।

जयपुर के ओबीसी वर्ग के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस बार ओबीसी वर्ग को शहर अध्यक्ष पद मिलना चाहिए। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ओबीसी वर्ग के निवर्तमान प्रदेश संयोजक और अन्य पिछड़ा वर्ग सर्व समाज संगठन के अध्यक्ष राजेन्द्र सेन ने पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा को पत्र लिखकर मांग की है कि इस बार जयपुर जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद ओबीसी वर्ग को दिया जाए।

सैन ने कहा की जयपुर शहर की आठ विधान सभा क्षेत्रों में 65 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के मतदाता हैं, लेकिन आज तक कभी ओबीसी वर्ग को अध्यक्ष बनने का मौका मिला। इसी कारण सबसे बड़ा वोटबैंक होने के बावजूद इस वर्ग को विधानसभा टिकिट नहीं मिल पाता, जबकि जनसंख्या के आधर पर कम से कम दो विधानसभा सीटों पर ओबोसी वर्ग को टिकिट मिलनी चाहिये ।

कांग्रेस ओबीसी देहात के पूर्व अध्यक्ष अमरचंद कुमावत का कहना है कि बड़ा वोटबैंक होने के बावजूद मूल ओबीसी वर्ग को जयपुर शहर में मौका नहीं दिया जा रहा है। जयपुर जिले में मूल ओबीसी जातियों का प्रभुत्व है, लेकिन दशकों तक बाट जोहने के बावजूद हमें संगठन में या विधानसभा व लोकसभा के लिए उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा। जबकि सबसे ज्यादा पार्षद इन्हीं वर्गों से जीतकर आते हैं। जयपुर की आठों विधानसभा सीटों में कुमावत समाज के वोटर निर्णायक स्थिति में है। कांग्रेस यदि कुमावत समाज को मौका देती है तो यह कांग्रेस के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।

कांग्रेस खेलकूद प्रकोष्ठ के संयोजक योगेश यादव का कहना है कि जयपुर में मूल ओबीसी वर्ग कांग्रेस का सबसे बड़ा वोट बैंक है और कांग्रेस यदि इस वर्ग को दरकिनार करेगी तो यह वर्ग कांग्रेस से धीरे-धीरे छिटक जाएगा। जयपुर ही नहीं पूरे देश में ओबीसी वर्ग कांग्रेस का सबसे बड़ा वोटबैंक है। उत्तर प्रदेश, बिहार में ओबीसी वर्ग एकजुटता के कारण सत्ता में रहता है। मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में भी ओबीसी वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व मिलता है, लेकिन राजस्थान कांग्रेस में आज तक ओबीसी वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।

मूल ओबीसी वर्ग का युवा अन्य राज्यों की स्थिति को देखकर राजस्थान में खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। इसलिए कांग्रेस वोट बैंक के आधार पर उचित प्रतिनिधित्व देते हुए शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद ओबीसी वर्ग को ही देना चाहिए।

जयपुर को कांग्रेस ने ही बना रखा भाजपा का गढ़
पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जयपुर की आठ विधानसभा सीटों में से तीन सीटें ब्राह्मण समाज, एक सीट वैश्य समाज, दो सीट मुस्लिम, एक सीट एससी के लिए रिजर्व और एक सीट राजपूत समाज को दी थी। आठों विधानसभा सीटों पर मूल ओबीसी की माली और कुमावत जातियां जीत में निर्णायक स्थिति में है, इसके बावजूद आजतक इन दोनों जातियों को विधानसभा टिकट नहीं दिया गया, जिसके चलते जयपुर भाजपा का गढ़ बना हुआ है।

कांग्रेस पूरा जोर लगाकर भी भाजपा के इस गढ़ को आज तक नहीं ढ़हा पाई है। वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए यदि माली और कुमावत समाज को एक-एक सीट भी कांग्रेस देती है तो जयपुर में भाजपा का गढ़ ढ़हते देर नहीं लगेगी।

Related posts

भाजपा को सताने लगा तोड़फोड़ का डर

admin

नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र (Neemrana Industrial Area) में डाइकन कंपनी (Daicon Company) के गोदाम में भीषण आग (Massive fire), दमकलें कर रहीं आग पर काबू के प्रयास

admin

भजनलाल बहाएंगे पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी की गंगा, मोदी ने सौंपी जिम्मेदार

Dharam Saini