जयपुर। राज्यसभा चुनावों के समय शुरू हुए सियासी ड्रामे को खत्म हुए अभी ज्यादा दिन भी नहीं बीते थे कि एक बार फिर से राजस्थान में राजनीतिक उठापठक तेज हो गया है। घटनाक्रम उसी तरह का है, जैसा कि राज्यसभा चुनावों के दौरान हुआ था।
दोपहर में मंत्रियों-विधायकों की भीड़ का मुख्यमंत्री निवास पर जुटना शुरू हो गया और रात 9:30 बजे सीएमआर में मुख्यमंत्री ने केबिनेट बैठक बुला ही ली। जानकारी में आया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके प्रति निष्ठा रखने वाले मंत्रियों-विधायकों से शपथ पत्र लिए हैं। इधर, शाम होते-होते प्रदेश के बार्डर एक बार फिर सील कर दिए गए।
राज्यसभा चुनावों के पहले मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसओजी में विधायकों की खरीद-फरोख्त का एक मामला एसओजी में शिकायत पत्र के माध्यम से दिया था। शुक्रवार रात एसओजी ने 2 लोगों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर लिया। शनिवार सुबह इन दोनों लोगों को गिरफ्तार कर शाम को इन दोनों को कोर्ट में पेश कर दिया गया।
एसओजी का कहना है कि फोन सर्विलांस के दौरान इनमें विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर वार्ता हुई थी। इसके साथ ही एसओजी ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। इसी आधार पर दो जनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस मामले में ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए इन्हें गिरफ्तार किया गया है।
इसके साथ ही एसओजी की तरफ से निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला, सुरेश टांक समेत तीन विधायकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। ओम प्रकाश हुडला ने कहा है कि उनका इस प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है। दूसरी तरफ जानकारी में आया है कि जिन दो को पकड़ा गया, वो दोनों लोग भाजपा से जुड़े हुए हैं, लेकिन भाजपा इनसे पल्ला झाड़ रही है।
इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोपहर में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया से वार्ता की और भाजपा पर फिर से हार्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए हैं। गहलोत ने कहा कि भाजपा कई राज्यों में हार्स ट्रेडिंग कर चुकी है और अब राजस्थान में भी हार्स ट्रेडिंग में लगी है, ताकि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर कर सके। विधायकों को 10 करोड़ एडवांस और 15 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रलोभन दिया जा रहा है, हम इनको फिर से सबक सिखाएंगे। हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है। हम तो अगले चुनावों के लिए तैयारियों में जुट गए हैं।
दूसरी तरफ भाजपा नेताओं ने भी आज प्रेस वार्ता कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के व्यवहार, हताशा और निराशा स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस में अंतरकलह है, जिनका ठीकरा गहलोत भाजपा पर फोड़ रहे हैं।
कांग्रेस अपने घर के झगड़े को संभाल नहीं पा रही है। गहलोत ने विधायकों के लिए जो शब्द प्रयोग किए हैं, वो अशोभनीय हैं। मुख्यमंत्री निर्दलीय और छोटे विधायकों को एसओजी और एसीबी का भय दिखाकर प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनको अब अशोक गहलोत के द्वारा भाजपा के होने के तौर पर एस्टेब्लिश किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायक गुरुग्राम में ठहरे हुए हैं। इसके साथ ही राज्य से अन्य कांग्रेस विधायकों के भी हरियाणा जाने की संभावना के मद्देनजर राज्य की सीमाओं को सील कर दिया गया है।