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Rajasthan: नि:शुल्क दवाओं की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश, कैंसर से बचाव के लिए संचालित होगा व्यापक स्क्रीनिंग अभियान

Rajasthan में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों पर प्रदेशभर में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत दवाओं की सुचारू आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। अस्पतालों में सुचारू दवा आपूर्ति के लिए राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन एवं सभी चिकित्सा संस्थान प्रभारियों को समुचित कार्यवाही किए जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अ​तिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत दवा आपूर्ति की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। हमारा प्रयास है कि सभी चिकित्सा संस्थानों में दवाओं की शत—प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित हो। आरएमएससीएल को निर्देश दिए गए हैं कि सभी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रहे। इस संबंध में स्टॉक संबंधी गाइडलाइन की समुचित पालना सुनिश्चित की जाए।
सवाई मानसिंह चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने बताया कि अस्पताल में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने बताया चिकित्सकों द्वारा रोगियों के उपचार के अनुसार कुछ दवाएं अधिक स्ट्रेन्थ की लिखी जाती हैं और कभी—कभी दवा वितरण केंद्रों पर कम स्ट्रेन्थ की दवा उपलब्ध होती है। जैसे 40 मिलीग्राम स्ट्रेन्थ के स्थान पर 10 मिलीग्राम स्ट्रेन्थ की दवा उपलब्ध होना। इससे उपचार में किसी तरह की परेशानी नहीं आती।
उन्होंने बताया कि एजिथ्रोमाइसिन दवा सभी वितरण केंद्रों पर उपलब्ध है। एट्रोवेस्टेटिन दवा 40 मिलीग्राम के स्थान पर 10 मिलीग्राम तथा थायरॉक्सिन सोडियम दवा भी 100 मिलीग्राम के स्थान पर 50 मिलीग्राम की पैकिंग में उपलब्ध है। इसी प्रकार सोडियम वेलप्रोएट दवा 500 मिलीग्राम के स्थान पर 200 मिलीग्राम की पैकिंग में उपलब्ध है। प्रीगेबलीन कैप्सूल भी सभी दवा केंद्रों पर उपलब्ध है। 
राज्य की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने इस विषय पर विस्तार से बताया कि आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत सीएचओ के माध्यम से कैंसर रोकथाम के कार्य को गांव-ढाणी तक अभियान के रूप में संचालित किया जाएगा। स्क्रीनिंग के लिए जिलेवार योजना भी बनाई जाएगी। साथ ही, प्रदेश में अक्टूबर माह से वृहद स्तर पर कैंसर जागरूकता अभियान संचालित किया जाना प्रस्तावित है। इस अभियान के माध्यम से आमजन को कैंसर रोग के लक्षण, जांच एवं उपचार को लेकर जानकारी दी जाएगी।
सिंह ने शनिवार को स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में आयोजित स्टेट इंटीग्रेटेड कैंसर टास्क फोर्स की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कैंसर दुनिया में मौत के तीसरे प्रमुख कारण के रूप में उभरकर सामने आया है। इससे होने वाली मौतें चिंता का विषय है। इस रोग से बचाव के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कदम उठा रही है। आने वाले समय में कैंसर की जांच एवं उपचार व्यवस्था को निचले स्तर तक मजबूत बनाने के साथ ही अत्याधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता का विस्तार सुनिश्चित किया जाएगा। अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए कैंसर रोकथाम की गतिविधियों को प्रभावी बनाया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी इसमें तकनीकी सहयोग लिया जाएगा।
स्क्रीनिंग का बढे़गा दायरा
अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंह ने कहा कि कैंसर रोग की प्राथमिक स्तर पर ही जांच हो जाए तो इससे होने वाली मौतों में काफी कमी आ सकती है। उन्होंने इसके लिए प्रदेश में स्क्रीनिंग सुविधा को और बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कैंसर स्क्रीनिंग के लिए प्रदेश में मोबाइल वैन की संख्या और बढ़ाई जाए। मानव सेवा के इस कार्य में भामाशाह एवं दानदाताओं का भी सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने सबसे अधिक होने वाले कैंसर यथा ब्रेस्ट, सर्वाइकल, प्रोस्टेट एवं ओरल कैंसर की स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए।
संसाधनों का आकलन कर बनाएं एक्शन प्लान
सिंह ने कहा कि कैंसर रोग की स्क्रीनिंग, जांच एवं उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रभावी एक्शन प्लान तैयार किया जाए। प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों एवं वर्तमान व भावी आवश्यकताओं का समुचित आकलन कर प्रस्ताव तैयार किया जाए ताकि मांग के अनुरूप संसाधनों की उपलब्धता के अंतर को न्यूनतम किया जा सके। एक्शन प्लान बनाते समय यह ध्यान रखा जाए कि किस क्षेत्र में कैंसर के केस ज्यादा सामने आ रहे हैं। वहां सुविधाओं का विस्तार अधिक किया जाए।
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट होगा नोडल सेंटर
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट कैंसर को लेकर नोडल सेंटर के रूप में भूमिका अदा करे। उन्होंने यहां प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी यूनिट स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए। श्रीमती सिंह ने कहा कि कैंसर के उच्च स्तरीय उपचार के लिए प्रदेश में अत्याधुनिक एवं उच्च क्षमता की मशीनें स्थापित करने की दिशा में भी योजना बनाई जाए।
सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने विगत दिनों कैंसर के उपचार में बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में 73 डे केयर पैकेज लागू किए हैं। इन पैकेज से कैंसर मरीजों को सुगमतापूवर्क निःशुल्क उपचार उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से कैंसर रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध करवाया जाए।
बैठक में कैंसर की वर्तमान स्थिति, उपलब्ध संसाधनों एवं भावी रणनीति को लेकर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। टास्क फोर्स के सदस्यों ने कैंसर रोग की स्क्रीनिंग, जांच एवं उपचार को बेहतर बनाने के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आरएमआरएस की बैठक: ऑपरेशन थियेटर का काम जल्द पूरा करने निर्देश
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की आरएमआरएस की बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि संस्थान के दूसरे चरण का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा कर इसे क्रियाशील किया जाए। उन्होंने निर्माणाधीन 6 ऑपरेशन थियेटर का काम शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इसके लिए आरएमआरएस से राशि का उपयोग करने की मंजूरी भी बैठक में प्रदान की गई।
सीजीएचएस, ईजीएचएस के तहत भी उपलब्ध करवाया जाए उपचार
सिंह ने कहा कि कैंसर की सभी दवाओं को उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि किसी भी रोगी को दवा के लिए परेशान नहीं होना पडे़। उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट में सीजीएचएस, ईजीएचएस या अन्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत भी उपचार उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। साथ ही, यहां सीटी-एमआरआई सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएं। बैठक में रक्त अवयवों की दरों के संबंध में भी मंजूरी दी गई।
इंस्टीट्यूट का किया निरीक्षण
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस दौरान स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट का निरीक्षण भी किया। उन्होंने जनरल वार्ड, आईसीयू में उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं का अवलोकन किया और रोगियों से बातचीत कर फीडबैक भी प्राप्त किया। श्रीमती सिंह ने इंस्टीट्यूट परिसर में नवस्थापित विश्व स्तरीय हाई एण्ड लो एनर्जी लीनियर एक्सीलेटर मशीनों तथा सीटी साइम्यूलेटर का भी अवलोकन कर जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अस्पताल में उच्च क्षमता की अत्याधुनिक मशीनें स्थापित कर रोगियों को वर्ल्ड क्लास उपचार उपलब्ध करवाया जाए। साथ ही, बेहतरीन उपचार सेवाओं के माध्यम से मेडिकल ट्यूरिज्म को बढ़ाने के प्रयास किए जाएं।

इस अवसर पर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा, भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के डॉ एससी पारीक, रेडियेशन ऑन्कोलॉजी विभाग, बीकानेर की विभागाध्यक्ष डॉ. नीति शर्मा, उप निदेशक राजमेस डॉ. वंदना शर्मा एवं डब्ल्यूएचओ के डॉ. जतिन ठक्कर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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