राजस्थान के मेडिकल क्षेत्र में इन दिनों अवैध अंग प्रत्यारोपण और इस मामले की जा रही कार्रवाइयों की चर्चा है। खबर मिली है कि जयपुर के जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने सवाई मानसिंह अस्पताल से फर्जी एनओसी पर किए अवैध अंग प्रत्यारोपण के मामले में दो चिकित्सकों को गिरफ्तार कर लिया है।
जवाहर सर्किल थाना पुलिस के अनुसार उसने मुकदमा संख्या 319/2024 धारा 419, 420, 471, 370, 120-बी आईपीसी के तहत कार्रवाई की है। इन मामलों जी गयी जांच के संदर्भ में पुलिस ने डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी नेफ्रोलॉजिस्ट फोर्टिस हॉस्पिटल मालवीय नगर (Fortis Escorts Hospital, Jaipur) और डॉ. सन्दीप गुप्ता यूरोलॉजिस्ट फोर्टिस हॉस्पिटल मालवीय नगर (Fortis Escorts Hospital, Jaipur) को गिरफ्तार कर लिया। अब तक की जांच में सामने आया कि अंग प्रत्यारोपण इन दोनों डॉक्टरों ने ही किए थे। इन दोनों को पुलिस ने शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया था।
इन डॉक्टरों समेत अन्य से जब क्रॉस जानकारी जुटाई गई तो ये संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इन परिस्थितियों में इन दोनों चिकित्सकों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि गिरफ्तार दोनों डॉक्टर बांग्लादेश से आने वाले डोनर और रिसिपिएंट के ब्लड रिलेशन नहीं होने की जानकारी होने के बावजूद भी ट्रांसप्लांट करते थे.
उल्लेखनीय है कि इन दोनो डॉक्टरों से पूर्व में एसीबी भी पूछताछ कर चुकी है। पुलिस ने आरोपियों के घर पर सर्च भी की है। इन दोनों डॉक्टरों के पहले मोबाइल जब्त किए गए थे जो एफएसएल जांच के लिए भेजे गए। पुलिस ने शुक्रवार को फोर्टिस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ भानु को गिरफ्तार किया था। ये मरीजों के घर जाकर उनकी देखरेख करता था।
इससे पूर्व इस पूरे मामले सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ अचल शर्मा और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा को बर्खास्त किया जा चुका। उनके अलावा आरयूएचएस के वाइस चांसलर डॉ सुधीर भंडारी को भी हटाया जा चुका है।