राजस्थान भर के सभी चिकित्सा संस्थानों में साफ—सफाई एवं आधारभूत रख—रखाव में सुधार के लिए अभियान चलाया जाएगा। सभी संस्थानों को मिशन मोड में 30 अक्टूबर तक निर्धारित मानकों के अनुरूप स्वच्छता, अनुपयोगी वस्तुओं की नीलामी एवं मेंटीनेंस सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि के बाद राज्य स्तर से अधिकारियों की टीमें प्रदेशभर के चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण करेगी। अपेक्षा अनुरूप सुधार नहीं पाए जाने पर संबंधित प्रभारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न विषयों पर समीक्षा करते हुए ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी अधिकारी—कार्मिक इसी सोच के साथ चिकित्सा संस्थानों में मानकों के अनुरूप सुधार सुनिश्चित करें। कहीं भी लापरवाही सामने आने पर संबंधित अधिकारी एवं कार्मिक के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
राठौड़ ने कहा कि सभी चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी सुनिश्चित करें कि अस्पताल का परिसर, शौचालय, सार्वजनिक स्थान, गलियारे आदि साफ—सुथरे हों। भवन में विद्युत उपकरण क्रियाशील हों एवं बिजली के तार व्यस्थित हों। दरवाजे—खिड़कियां आदि टूटे हुए नहीं हों। दीवारों एवं छतों पर पर प्लास्टर एवं रंग—रोगन की स्थिति ठीक हो। अस्पताल में रोगियों की सुविधा के लिए साइनेज आवश्यक रूप से लगे हों। बायो मेडिकल वेस्ट की निस्तारण की समुचित व्यवस्था हो। अस्पताल परिसर में कबाड़ आदि जमा नहीं हो। अनुपयोगी वस्तुओं की नियमानुसार तुरंत प्रभाव से नीलामी की जाए।
तत्काल प्रभाव से करवाएं मेंटीनेंस, उपलब्ध बजट का करें समुचित उपयोग
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि संस्थान प्रभारी अस्पताल की स्थिति में सुधार के लिए मेंटीनेंस के कार्य तत्काल प्रभाव से करवाएं। इसके लिए वार्षिक रख—रखाव के लिए उपलब्ध बजट का समुचित उपयोग किया जाए। तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आरएमआरएस में उपलब्ध बजट का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सुविधाओं के विस्तार एवं आधारभूत रख—रखाव के कार्यों के लिए स्थानीय दानदाताओं एवं स्वयं सेवी संस्थाओं से भी सहयोग प्राप्त किया जा सकता है।
मौसमी बीमारियों पर करें प्रभावी नियंत्रण
राठौड़ ने कहा कि विगत दिनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों में मौसमी बीमारियों का प्रसार हुआ है। इस पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए अधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ दायित्वों का निर्वहन करें। सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच एवं उपचार व्यवस्थाएं सुदृढ़ रखी जाएं। संक्रमण की रोकथाम के लिए एंटीलार्वा, सोर्स रिडक्शन, फोगिंग आदि गतिविधियां सघनता के साथ की जाएं। जिन जिलों में केस ज्यादा आ रहे हैं, वहां विशेष रूप से फोकस किया जाए। राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ ही संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ एवं अन्य अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करते हुए प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करें।
बजट घोषणाओं को टाइमलाइन में करें पूरा
प्रमुख शासन सचिव ने बजट घोषणाओं की भी समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि स्वास्थ्य से जुड़ी सभी बजट घोषणाओं को टाइमलाइन में पूरा किया जाए। नए भवनों के निर्माण के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। साथ ही, नियमित मॉनिटरिंग करते हुए बजट घोषणाओं पर प्रभावी कार्यवाही की जाए।
माइक्रो प्लान बनाकर सुधारें चिकित्सा संस्थानों की स्थिति
चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री अम्बरीष कुमार ने कहा कि सभी प्रभारी अधिकारी अपने नियंत्रणाधीन भवनों के मेंटीनेंस के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर जल्द से जल्द कार्य शुरू करें। सभी भवनों को ब्लॉक में विभाजित कर हर ब्लॉक की देखभाल के लिए एक टीम बनाकर उसकी जिम्मेदारी तय की जाए। सेवा प्रदाता फर्म को दिए जाने वाले कार्यादेश में आगामी 6 माह की दोष दायित्व अवधि शामिल की जाए। चिकित्सा संस्थान के समुचित रख—रखाव एवं उन्नयन कार्यों के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए।
दवाओं की सुचारू आपूर्ति के लिए समय पर भेजें डिमांड
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में दवाओं की सुचारू आपूर्ति के लिए ई—औषध सॉफ्टवेयर पर डिमांड समय पर जनरेट की जाए। साथ ही आवश्यकतानुसार दवाओं का नियमानुसार इंटर डिस्ट्रिक्ट एवं इंटरा डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जांच मशीनों की आपूर्ति के बाद सभी चिकित्सा संस्थान उसका उपयोग सुनिश्चित करें। जांच मशीनों की स्थिति के संबंध में ई—उपकरण पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेशन किया जाए।
मिलावट पर रखें विशेष निगरानी
खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान ने कहा कि दीपावली के त्योहार को देखते हुए सभी जिलों में मिलावट पर विशेष नजर रखी जाए। उन्होंने ईट राइट अभियान को बढ़ावा देते हुए आमजन को इसके बारे में जागरूक करने, मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करते हुए मिलावट की जांच किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थ निर्माताओं से साफ—सफाई एवं हाईजीन के मानकों की पालना सुनिश्चित करवाई जाए। आमजन को शुद्ध खाद्य पदार्थों के उपयोग एवं मिलावट से बचाव के लिए व्यापक रूप से आईईसी गतिविधियां की जाएं।
डिप्थीरिया प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगी राज्य स्तरीय टीम
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक भारती दीक्षित ने कहा कि डीग जिले में डिप्थीरिया से बच्चों की मौत होना चिंताजनक है। राज्य स्तर से अधिकारी प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लें और सुनिश्चित करें कि डिप्थीरिया के लक्षण नजर आने पर बच्चों को एंटी डॉट तत्काल लगाई जाए। उन्होंने टीकाकरण कार्यक्रम गुणवत्ता के साथ संचालित करने तथा बजट घोषणाओं पर मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में निदेशक आईईसी शाहीन अली, निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत सिंह राणावत, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, अधीक्षक, संयुक्त निदेशक जोन, उप निदेशक जोन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला शिशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अधिशासी अभियंता, लेखा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, बीसीएमओ एवं खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक आदि भी वीसी से जुड़े