राजस्थान की पेट्रोल पम्प डीलर एसोसिएशन की समस्याओं पर विचार करने के लिए गठित समिति की बैठक शनिवार, 30 सितंबर को शासन सचिवालय में आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न ऑयल कम्पनी आईओसीएल, एचपी, बीपी रिलायंस पेट्रो व नायरा पेट्रो के प्रतिनिधि, वित्त सचिव (राजस्व) केके पाठक, वाणिज्य कर आयुक्त रवि कुमार सुरपुर, संयुक्त सचिव (कर) नमृता वृष्णि उपस्थित रहे।
बैठक में सभी ऑयल मार्केटिंग कम्पनियों के डिपो की लोकेशन के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। प्रत्येक सरकारी ऑयल कम्पनी के 3 डिपो हैं, जो जयपुर, जोधपुर एवं भरतपुर में स्थित है। चित्तोड़गढ़, अजमेर और कोटा में एक-एक डिपो है। गंगानगर एवं हनुमानगढ़ में कोई डिपो नही है, वहां दूसरे डिपो से सप्लाई की जाती है।
बैठक में पड़ौसी राज्यों के मुकाबले तथा राज्य के भीतर विभिन्न स्थानों पर डीजल व पेट्रोल की कीमत में अन्तर व सीमावर्ती जिलों में उपभोग पैटर्न पर भी चर्चा की गई। समिति ने ऑयल कम्पनियों से विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी मांगी है। जिनमें गंगानगर व हनुमानगढ़ में डिपो खोलने की वायबिलिटी, कीमत अन्तर के कारण सीमावर्ती जिलों में अन्य जिलों के मुकाबले बिक्री पर प्रभाव, एनसीआर-राजस्थान बोर्डर पर पर्यावरण की दृष्टि से लागू प्रावधानों के कारण डीजल बिक्री पर प्रभाव के बिन्दू शामिल हैं।
समिति ने राज्य में पेट्रोल और डीजल ट्रांसपोर्टेशन पाईप लाईनों के विस्तार के प्लान पर भी ऑयल कम्पनियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।