राजस्थान के फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी को राहत मिल गई है। अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के बाद सुनवाई करेगी।राजस्थान के फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी को राहत मिल गई है। अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के बाद सुनवाई करेगी। इस मामले में कोर्ट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक जारी रखते हुए बुधवार को सुनवाई 7 फरवरी, 2024 तक टाल दी। तीन साल से चल रहे मामले में बुधवार को भी इस मामले में सुनवाई नहीं हो पाई।
ये है मामला
2020 के राजस्थान के सियासी संकट से जुड़ा हुआ है। उस समय लोकेश शर्मा ने मीडिया को ऑडियो क्लिप जारी की थी। इसके आधार पर तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, विधायक भंवरलाल शर्मा (अब दिवंगत हो चुके हैं) व दलाल संजय जैन के खिलाफ एसओजी में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि राजस्थान की सरकार को गिराने का षडयंत्र रचा गया, जिसमें ऑडियो क्लिप के अनुसार गजेन्द्र सिंह, एक विधायक व एक दलाल शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने छवि खराब करने का आरोप लगाया
इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने दिल्ली पुलिस को परिवाद दिया, जिसमें जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया। जिस पर 25 मार्च, 2021 को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। लोकेश शर्मा की ओर से कहा गया कि मामले को राजस्थान में ट्रांसफर किया जाना चाहिए।
दिल्ली पुलिस 7 बार भेज चुकी नोटिस
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले को लेकर लोकेश शर्मा को 7 बार नोटिस भेजकर बुला चुकी है। 4 बार शर्मा से पूछताछ भी कर चुकी हैं।
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