2020 में राजस्थान के सियासी संकट के दौरान हुए फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है। उनके पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस को कुछ सबूत सौंपे हैं, जिनमें गहलोत पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की कॉल रिकॉर्डिंग को मीडिया में लीक करने का निर्देश देने का आरोप लगाया गया है।
लोकेश शर्मा ने हाल ही में दिल्ली पुलिस के सामने पेश होकर पांच घंटे तक पूछताछ का सामना किया और साथ ही एक पेन ड्राइव, लैपटॉप और फोन सौंपा, जिनमें फोन टैपिंग से जुड़े सबूत होने का दावा किया गया है। इससे पहले भी 25 सितंबर को उन्होंने दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने 7 पन्नों का बयान दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया और सारा दोष गहलोत पर मढ़ा।
शर्मा ने आगे आरोप लगाया कि अशोक गहलोत ने न सिर्फ गजेंद्र सिंह शेखावत बल्कि सचिन पायलट खेमे के विधायकों के फोन भी सर्विलांस पर रखवाए थे। इसके साथ ही, गहलोत को हर रोज़ विधायकों की बातचीत की जानकारी मिलती थी।
इस मामले में अगर शर्मा के आरोप सही साबित होते हैं, तो अशोक गहलोत की राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि दिल्ली पुलिस की जांच किस दिशा में जाती है।