राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (RMSCL) की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने प्रदेश के राजकीय अस्पतालों में दवाओं की समुचित उपलब्धता एवं आपूर्ति को लेकर समस्त जिला तथा मेडिकल कॉलेज औषधि भंडार गृहों के 40 प्रभारी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से समीक्षा की। वीसी में मुख्यालय से कार्यकारी निदेशक (लॉजिस्टिक) डॉ. कल्पना व्यास, सहायक औषधि नियंत्रक डॉ संजय पारीक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रबंध निदेशक ने वीसी में दवाओं की उपलब्धता एवं आपूर्ति प्रबंधन को और बेहतर बनाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
गिरि ने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के तहत भंडार गृहों में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए तथा अस्पतालों में सभी दवाओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी रोगी दवाओं की उपलब्धता को लेकर परेशान नहीं हो। अस्पतालों में शत-प्रतिशत दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने इसके लिए औषधि भंडार गृहों के प्रभारी अधिकारियों को चिकित्सा संस्थानों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए।
महंगी दवाओं का पूरा रिकॉर्ड संधारित हो
प्रबंध निदेशक ने कहा कि योजना के तहत विभिन्न बीमारियों में उपयोग आने वाली महंगी दवाओं का भी जनहित में निःशुल्क वितरण किया जाता है। यह ध्यान रखा जाए कि इन महंगी दवाओं का पूरा रिकॉर्ड संधारित हो तथा इनकी समुचित उपलब्धता भी रहे। स्टॉक एवं वितरित दवाओं के रिकॉर्ड का नियमित रूप से मिलान किया जाए। सभी आवश्यक सूचनाएं ऑनलाइन रूप से इन्द्राज की जाए।
जीरो एक्सपायरी पॉलिसी के तहत दवाओं का उपयोग सुनिश्चित करें
गिरि ने कहा कि औषधि भंडार गृह के प्रभारी जीरो एक्सपायरी पॉलिसी के तहत दवाओं का उपयोग सुनिश्चित करें। उपलब्ध करवाई जा रही औषधियों का उचित एवं नियमानुसार संधारण करें। निकट भविष्य में अवधिपार होने वाली दवाओं का उपयोग पहले किया जाए ताकि दवाओं के अवधिपार होने से वित्तीय नुकसान से बचा जा सके। यदि भंडार गृहों में लापरवाही के चलते औषधियां अवधिपार होती हैं तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।