प्रशासन

राजस्थानः दवाओं की गुणवत्ता को लेकर आरएमएससीएल सख्त, दवा निर्माता फर्मों का निरीक्षण करने हिमाचल प्रदेश भेजी टीम

जयपुर। मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के प्रभावी संचालन एवं आमजन को गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरशन की चार सदस्यीय टीम ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के बद्दी में विभिन्न दवा निर्माता कम्पनियों का औचक निरीक्षण किया।
आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि के निर्देशन में बद्दी गई अधिकारियों की टीम ने रेण्डम आधार पर उन दवा निर्माता फर्मों की जांच की, जो आरएमएससीएल में दवाओं की आपूर्ति करती हैं। टीम ने इन कम्पनियों में दवा निर्माण की पूरी प्रक्रिया को देखा। भण्डारण, गुणवत्ता नियंत्रण, विपणन, आपूर्ति सहित विभिन्न मानकों को जांचा गया। साथ ही, लाइसेंस, निर्माण मशीनरी, टेस्टिंग सुविधाओं सहित अन्य जरूरी दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई।
जांच के दौरान इन इकाइयों की स्थिति मानकों के अनुरूप पाई गईं। सभी इकाइयां औषधि नियंत्रण विभाग के तहत लाइसेंस प्राप्त कर दवा निर्माण कर रही थीं। निरीक्षण के दौरान इकाइयों के पते का भी सत्यापन किया गया। कुछ इकाइयां इनमें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की हैं एवं बड़ी मात्रा में दवाओं का उत्पादन और निर्यात भी करती हैं।
आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने बताया कि विगत दिनों कुछ समाचार पत्रों में बद्दी स्थित दवा कम्पिनयों में नकली दवाओं का निर्माण सहित अन्य अनियमितताओं से संबंधित समाचार प्रकाशित हुए थे। इन समाचारों एवं अन्य सूचनाओं को ध्यान में रखते हुए आरएमएससीएल में दवा आपूर्ति करने वाली इकाइयों का निरीक्षण करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि पहली बार आरएमएससी की ओर से इस तरह का निरीक्षण करवाया गया है। इस निरीक्षण का उद्देश्य है कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत आपूर्ति की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं हो। दवाओं का निर्माण एवं आपूर्ति टेण्डर की शर्तों के अनुरूप हो और आमजन को गुणवत्तापूर्ण दवाएं सुलभ हों। उल्लेखनीय है कि आरएमएससीएल द्वारा WHO-GMP प्रमाणित इकाइयों से ही दवाएं क्रय की जाती हैं।

Related posts

Rajasthan: राज्य कार्मिकों के पूर्णतः निःशक्त होने पर आश्रित को मिलेगी अनुकम्पात्मक नियुक्ति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर मिल सकेगी आश्रित को नियुक्ति

Clearnews

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने मंदिरों में लाउड स्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर उठाए सवाल, धार्मिक संगठनों ने शुरू की खिंचाई

Clearnews

उत्तराखंड 27 जनवरी को UCC लागू करने वाला पहला राज्य बनने को तैयार

Clearnews