जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (Rajasthan roadways) के सीएमडी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कर्मचारी कल्याण कोष के सदस्यों की हुई बैठक में मृतक रोडवेजकर्मी के परिवार (deceased worker family) को कल्याण कोष से दी जाने वाली सहायता राशि (assistance amount) को 25 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में कल्याण कोष में रोडवेज कर्मचरियों द्वारा 100 रुपए वार्षिक योगदान को बढ़ाकर 400 रुपए करने और निगम द्वारा 50 रुपए वार्षिक से बढ़ाकर 200 रुपए वार्षिक करने का निर्णय भी लिया गया। उल्लेखनीय है कि कल्याण कोष से मृतक कर्मी के परिवार को 25 हजार की सहायता दी जा रही थी, लेकिन कोष में पर्याप्त राशि नहीं होने से सहायता देने मे भी देरी हो रही थी। कई वर्षों पूर्व 25 हजार राशि निर्धारित की गई थी, जो आज की परिस्थिति में काफी कम है।
बसों को नकारा घोषित करने के लिए सीएमडी की इजाजत जरूरी
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम प्रबंधन द्वारा निर्णय लिया गया है कि आगार और केन्द्रीय कार्यशाला नकाराकरण समिति की सिफारिश पर सीएमडी की अनुमति से ही बसें नकारा घोषित की जाएगी। रोडवेज मुख्यालय से जारी आदेशानुसार बसों को नकारा घोषित करने के निर्धारित मापदंड पूरे होने पर डिपो और केन्द्रीय कार्यषाला की नकाराकरण समिति द्वारा बसों का निरीक्षण कर भौतिक और यांत्रिक रूप से खराब कंडीशन होने पर या उसकी मरम्मत और चलाने पर अधिक खर्च होने की अनुशंसा करने पर प्रबन्ध निदेशक या अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक की स्वीकृति से बस को नकारा किया जाएगा।
नकारा वाहन को न्यूनतम 1.25 लाख रुपए या समिति द्वारा निर्धारित अधिकतम राशि में नीलाम किया जाएगा। रोडवेज में अभी तक बसों को 8 साल और 8 लाख किलोमीटर जो भी बाद मे हो, होने पर समिति द्वारा नकारा घोषित की जाती थी।
मुख्यालय और डिपो बिल्डिंग्स पर लगेंगे सोलर प्लांट
राजस्थान रोडवेज के मुख्यालय और डिपो बिल्डिंग्स पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इन्हें लगाने के लिए विश्व बैंक, नीति आयोग और एसबीआई की सुप्रभा कार्यक्रम के तहत सर्वे कर डीपीआर एवं आरएफपी बनाने में सहयोग करेगा। मुख्यालय एवं राज्य भर में 56 डिपो बिल्डिंग्स पर सोलर प्लांट लगाएं जाएंगे, जिसमें राज्य भर के डिपो इत्यादि का सर्वे कर नि:शुल्क डीपीआर एवं आरएफपी बनाकर रोडवेज को उपलब्ध कराई जाएगी।
राजस्थान रोडवेज डीपीआर एवं आरएफपी बनने के बाद सोलर प्लांट के लिए पीपीपी मोड पर यह कार्य कराएगा। वर्तमान में रोडवेज का बिजली बिल 3 करोड़ रुपए प्रति वर्ष है, जिसमें सोलर प्लान्ट लगाने के बाद 1 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की बचत होगी।