कारोबारजयपुरनिवेश

राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन

जयपुर। खनिज संपदा के खोज, खनन, शोध, अनुसंधान, निवेश और राजस्व बढ़ोतरी के लिए राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया गया है।

ट्रस्ट के संचालन के लिए खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय संचालक मण्डल (गवर्निंग बॉड़ी) बनाया गया हैं वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव खान व पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कार्यकारी समिति (एक्जिक्युटिव कमेटी) बनाई गई है।

खान व पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि राजस्थान देश में खनिज उत्पादन मूल्य में 20.26 प्रतिशत हिस्सेदारी निभा रहा है जबकि खोज एवं सर्वेक्षण मेें देश में सबसे कम राशि व्यय की जा रही है। इसी को देखते हुए इस ट्रस्ट का गठन किया गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा प्रदेश में खनिज संसाधनों के नियोजित अन्वेषण व उत्खनन के लिए लघु, मध्य और दीर्घकालीन विजन और योजना तैयार की जाएगी, अन्वेषण का मास्टर प्लान और उपलब्ध संसाधनों का विस्तृत अन्वेषण और वर्गीकरण कराया जाएगा।

वन क्षेत्र में खनिज संपदा की खोज के लिए वन (कंजरवेशन) अधिनियम 1980 के तहत अनुमति प्राप्त की जाएगी। भूवैज्ञानिक, जमीन और हवाई सर्वेक्षण और स्पष्ट भूवैज्ञानिक संभावित क्षेत्रों के भू रासायनिक सर्वेक्षण की सुविधा के लिए, खनिज विकास, सतत खनन की उन्नत वैज्ञानिक तकनीक को अपनाने और खनिज निष्कर्षण धातु विज्ञान का अध्ययन कराया जाएगा।

खनिज विश्लेषण और अयस्कों के परीक्षण के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास करने के लिए विभाग सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निजी क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा प्रस्तुत चट्टानों और खनिज नमूनों की जांच की जाएगी। निजी क्षेत्र के खनिज उत्पादों व अयस्कों की गुणवत्ता आदि की रासायनिक, भौतिक परीक्षण और विश्लेषण द्वारा आकलन किया जा सकेगा।

राज्य में शोध एवं अनुसंधान के लिए लेबोरेटरी की स्थापित कर उसे नेशनल एक्रिडिशन बोर्ड फार टेस्टिंग एण्ड क्रेलिब्रेशन लेबोरेटरी से मान्यता दिलाई जाएगी ताकि अनुसंधान और विकास को बढ़ावा व प्रमाणीकरण किया जा सके।

अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा राज्य खनिज निर्देशिका, राज्य खनिज एटलस, भू-सूचना विज्ञान और खनिज संसाधन सूचना प्रणाली विकसित की जाएगी और सार्वजनिक डोमेन पर भूवैज्ञानिक और अन्य भू वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध कराया जाएगा।

ट्रस्ट नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाने और तकनीकी, परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार को सहयोग करेगा। कम ग्रेड के खनिजों से खनिज लाभ प्राप्त करने के लिए मूल्य संवर्धन अध्ययन कराया जाएगा, अन्वेषण परियोजनाओं का लॉजिस्टिक सुविधा सहित जीपीएस और जीएनएनएस सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

आरएसएमईटी खनिज आधारित उद्योगों के निवेशकों की सुविधा और बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय विकास केंद्र स्थापित करने के साथ कौशल विकास के लिए संस्थानों की पहचान, कौशल विकास पाठ्यक्रमों की डिजाइनिंग और कौशल विकास संस्थानों को प्रोत्साहन में सहयोग देगा।

अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमई ट्रस्ट में अधिकारियों, भूविज्ञानी या वैज्ञानिक, तकनीकी व्यक्तियों, वित्तीय सलाहकारों, प्रबंधन सलाहकारों और अन्य कर्मचारियों की सेवाएं लेने के साथ ही उनके लिए कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम आयोजित होंगे। खोज कार्य को गति देने और खनन गतिविधियों की निगरानी के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी में ड्रोन, सर्वेक्षण आदि का उपयोग किया जाएगा, जिससे अवैद्य खनन गतिविधियों पर अंकुश भी लग सकेगा।

अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के लिए अप्रधान खनिजों पर ली जा रही रॉयल्टी पर दो प्रतिशत सेस राशि और अवैद्य खनन से प्राप्त राजस्व की दस प्रतिशत राशि से एक कोष बनाया जाएगा।

Related posts

17 देशो के 44 प्रतिनिधियों की विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. जोशी से मुलाकात संविधान

admin

Cuddli Assessment

admin

मतदाता रखें नज़र अखबारों और टीवी चैनल पर, उम्मीदवारों को 23 नवम्बर तक 3 बार प्रकाशित करनी होगी अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि

Clearnews