राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि राजस्थान 29 ग्राम पंचायतों को टीबीमुक्त घोषित करने वाला पहला राज्य है। टीबी उन्मूलन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 4-4 जिलों को राष्ट्रीय स्तर पर रजत एवं कांस्य पदक दिए गए हैं। यह क्षय रोग के उन्मूलन की दिशा में हमारे गंभीर प्रयासों को इंगित करता है। उन्होंने कहा कि निरोगी राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने एवं 2030 तक राजस्थान को स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में नंबर वन राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। प्रत्येक गांव में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाकर अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना हमारी प्रतिबद्धता है।
गहलोत गुरुवार 24 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास पर टीबी मुक्त राजस्थान सम्मेलन, टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के द्वितीय चरण, चिकित्सा संस्थानों के शिलान्यास व लोकार्पण तथा 104-108 एम्बुलेन्स सेवाओं के शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टीबी एक घातक रोग है। क्षय रोगी का जीवन काफी कष्टमय होता है। विश्व के 26 प्रतिशत टीबी के मरीज भारत में हैं तथा इनमंे से 6 प्रतिशत राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा कि 2025 तक राजस्थान को क्षयमुक्त बनाना हमारा ध्येय है। जिस प्रकार प्रदेश में सभी ने मिलकर कोविड-19 महामारी का सामना किया उसी तरह सभी को साथ लेकर प्रदेश को टीबीमुक्त बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने और पंचायत स्तर तक रोगियों को चिन्हित कर उपचार करने हेतु ‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान‘ संचालित किया जा रहा है। इस वर्ष राज्य की ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने के लिए प्रदेश की 7000 ग्राम पंचायतों में ‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान‘ के द्वितीय चरण का शुभारंभ किया गया है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘म्हारे गांव टीबी न पसारे पांव’ क्षय रोग जागरूकता पोस्टर तथा पुस्तिका का विमोचन किया। साथ ही, गहलोत ने वर्ष 2022 में टीबी उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रजत पदक प्राप्त करने वाले बारां, भीलवाडा, जालोर और जैसलमेर तथा कांस्य पदक प्राप्त करने वाले बांसवाडा, चित्तौडगढ़, राजसमंद और उदयपुर जिला कलक्टर को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा 29 टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के सरपंचों को भी सम्मानित किया गया।
442 करोड़ रुपए के 224 कार्यों का हुआ लोकार्पण-शिलान्यास
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 442 करोड़ रुपए की लागत के 224 चिकित्सा संस्थानों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। श्री गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप जिला अस्पतालों सहित कुल 122 करोड़ रुपए की लागत से बने 109 चिकित्सा संस्थानों का लोकार्पण किया। साथ ही, उन्होंने 320 करोड़ रुपए की लागत के 115 चिकित्सा संस्थानों का शिलान्यास भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 50 नई 108 एम्बुलेंस तथा 20 नई 104 जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
अंगदान महाभियान में प्रदेश ने बनाया विश्व रिकॉर्ड
कार्यक्रम में अंगदान महाभियान के तहत प्रदेश में 1.43 करोड़ से अधिक लोगों के द्वारा अंगदान की शपथ लेने पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन एवं ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सर्टिफिकेट दिया गया। इस दौरान श्री गहलोत ने अंगदान महाभियान के दौरान सर्वाधिक अंगदान की शपथ लेने वाले जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर अंगदान महाभियान से संबंधित वीडियो फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
राजस्थान स्वास्थ्य एवं शिक्षा में मॉडल स्टेट
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में है। उत्कृष्ट स्वास्थ्य एवं शिक्षा ढ़ांचे से ही अच्छा मानव संसाधन विकसित होता है। उन्होंने कहा कि कानून बनाकर आमजन को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दिए गए सूचना, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा एवं रोजगार के अधिकार की तर्ज पर स्वास्थ्य का अधिकार दिया गया है। प्रदेशवासियों को 25 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार और 10 लाख का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। राजस्थान मंे आईआईटी, आईआईएम, निफ्ट जैसे विश्व स्तरीय संस्थान खुले हैं। साथ ही, राज्य में गत चार साल में 303 नए कॉलेज खोले गए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने तीन जिलों की एएनएम को ईआरसीएच वात्सल्य डिजिटल किट का वितरण भी किया। इस किट के माध्यम से गर्भवती महिलाओं से संबंधित विभिन्न प्रकार की जांचें की जा सकेंगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। रिकॉर्ड संख्या में पीएचसी-सीएचसी खोले एवं क्रमोन्नत किए गए हैं। अंगदान महाभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इससे भविष्य में सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान देश में एक अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती शुभ्रा सिंह ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया।
समारोह में सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, अल्पसंख्यक मामलात् मंत्री सालेह मोहम्मद, गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, विधायक रफीक खान, हाकम अली, विजयपाल मिर्धा, आरयूएचएस के कुलपति डॉ सुधीर भंडारी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरट्टा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही, विभिन्न जिलों से जिला प्रशासन के अधिकारी और चिकित्साकर्मी भी वीसी के माध्यम से जुड़े।