राजनीति

मेवाड़ राजघराने का संपत्ति विवाद: राजतिलक रस्म पर मचा बवाल

उदयपुर। राजस्थान के मेवाड़ राजघराने का संपत्ति विवाद अब अदालत से निकलकर सड़कों तक पहुंच गया है। सोमवार को पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य और नाथद्वारा के विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक कार्यक्रम के दौरान ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग में फतह प्रकाश महल में रस्म अदायगी की गई। इसके बाद काफिला उदयपुर के सिटी पैलेस पहुंचा, लेकिन वहां प्रवेश को लेकर विवाद हो गया।
क्या हुआ सिटी पैलेस में?
सिटी पैलेस पहुंचने से पहले ही मुख्य गेट बंद कर दिए गए थे। समर्थकों ने बैरिकेडिंग हटाने का प्रयास किया, जिससे पुलिस और समर्थकों में झड़प हुई। बाद में केवल तीन गाड़ियों को अंदर जाने दिया गया, जबकि समर्थक 10 गाड़ियों की अनुमति की मांग कर रहे थे।
संपत्ति विवाद की जड़
1984 में महाराणा भगवत सिंह के निधन के बाद संपत्ति विवाद शुरू हुआ।
• महेंद्र सिंह (भगवत सिंह के बड़े बेटे) को राजतिलक कर महाराणा माना गया।
• अरविंद सिंह (छोटे बेटे) ने वसीयत के जरिए संपत्ति पर दावा किया।
वर्तमान में, सिटी पैलेस और कई प्रमुख संपत्तियों पर अरविंद सिंह का कब्जा है।
राजतिलक की ऐतिहासिक परंपरा
452 साल पुरानी इस परंपरा में, विश्वराज सिंह को 21 तोपों की सलामी देकर एकलिंगनाथ जी का 77वां दीवान घोषित किया गया।
ट्रस्ट की आपत्ति
• सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ मंदिर अरविंद सिंह के महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के अधीन हैं।
• ट्रस्ट ने विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को “अनधिकृत व्यक्ति” घोषित करते हुए प्रवेश पर रोक लगाई।
• सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन से सहयोग मांगा गया।
राजनीतिक संदर्भ
विश्वराज सिंह, नाथद्वारा से विधायक हैं, जबकि उनकी पत्नी महिमा सिंह राजसमंद से सांसद हैं। यह विवाद राजपरिवार के भीतर लंबे समय से चल रहे मतभेद और सत्ता संघर्ष को उजागर करता है।

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