राजस्थान बजट पर विधानसभा में चर्चा के दौरान दिए गए जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान अर्थव्यवस्था के सभी पैमानों पर अच्छा परफॉर्म कर रहा है। गत बजट घोषणाओं में से 85 प्रतिशत लागू कर दी गई है और जन घोषणा पत्र के 70 प्रतिशत वादे पूरे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट की 500 घोषणाओं में से 60 महत्वपूर्ण घोषणाओं की स्वीकृति जारी भी कर दी गई है।
गहलोत ने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणायें भी की। उन्होंने प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया कि बजट 2022-23 की सभी घोषणाएं निश्चित रूप से धरातल पर उतरेंगी। यह बजट सभी वर्गों से चर्चा कर और 45 हजार से अधिक सुझावों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह समुद्र मंथन से निकले अमृत जैसा है और इस बजट की चर्चा पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि बार-बार यह कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार से राज्य के हिस्से का पूरा पैसा मिल रहा है, जबकि यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 293 एवं एफआरबीएम एक्ट की सीमा के तहत कर्ज मिलता है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक राज्य को केन्द्रीय करों का 41 प्रतिशत हिस्सा दिया जाना था लेकिन 30 से 33 प्रतिशत तक ही मिला है। वर्ष 2022-23 के बजट में केन्द्रीय करों से करीब 19 हजार करोड़ कम मिलेंगे। पिछली बार भी केन्द्रीय करों से 15 हजार करोड़ रूपये कम दिए गये थे।
गहलोत ने बताया कि केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की कैन-बेतवा परियोजना के लिए 40 हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति दी है, जबकि प्रधानमंत्री द्वारा जनसभाओं में की गई घोषणा के बाद भी प्रदेश के 13 जिलों में रह रही 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने वाली महत्वाकांक्षी ईस्टर्न राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है। जनता के हित को देखते हुए इस परियोजना के लिए 9 हजार 600 करोड़ रूपए का बजट आवंटन कर राज्य सरकार ने अपने खर्च से इसका कार्य शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान रिफाइनरी परियोजना में देरी के कारण इसकी लागत 37 हजार करोड़ से 70 हजार करोड़ रूपये हो गई है।
गहलोत ने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्थान की जीडीपी 11 लाख 96 हजार 137 करोड़ रूपये थी, जबकि 2022-23 में 13 लाख 34 हजार 310 करोड़ रूपये का अनुमान लगाया गया है। राज्य की जीडीपी को भविष्य में 15 लाख करोड़ रूपये तक ले जाया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में सरकार बनते ही मात्र तीन दिन में 14 हजार करोड़ रूपये के किसानों के कर्जे माफ किए। अब राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्जा माफी की मांग की जा रही है। राष्ट्रीयकृत बैंकों को वन टाइम सेटलमेंट के संबंध में प्रस्ताव भेजे हुए हैं। इसमें किसानों का हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास वही बना पाता है जो इतिहास को याद रखता है। हमने पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने की घोषणा बजट में की है। इससे राज्य के कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित होगा और उनकी चिंताएं दूर होंगी। हमने पुराने और नए कार्मिकों में पेंशन के भेदभाव को मिटाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार 3 लाख सरकारी नौकरियां दी जा रही है। इसमें 1 लाख को नियुक्ति दी जा चुकी है। एक लाख की प्रक्रियाधीन है और एक लाख पदों पर और भर्ती होगी। श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना के बावजूद राजस्व बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
बजट पर चर्चा के दौरान दिए गए जवाब में मुख्यमंत्री द्वारा की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं
• वर्तमान में प्रदेश के 14 जिलों में मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। आगामी वर्ष में श्रीगंगानगर, सिरोही, चित्तौडगढ़ एवं धौलपुर में मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे।
• जोधपुर के एमडीएम चिकित्सालय, उम्मेद चिकित्सालय व कमला नेहरू वक्ष एवं क्षय चिकित्सालय, उदयपुर के टीबी बड़ी चिकित्सालय, खेमराज कटारा चिकित्सालय व सुंदरसिंह भंडारी चिकित्सालय (अम्बा माता), अजमेर के जेएलएन चिकित्सालय व जनाना चिकित्सालय तथा झालावाड़ के एसआरजी चिकित्सालय में 27 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किये जायेंगे।
• वर्ष 2021-22 के बजट में सीवरेज सुविधा से वंचित 50 शहरों में एफएसटीपी स्थापित किये जाने की घोषणा की गई थी, जिन पर तीव्र गति से कार्य प्रगतिरत है। इसी क्रम में आगामी वर्ष 600 करोड़ रुपये की लागत से 68 शहरों में एफएसटीपी की स्थापना व संबंधित कार्य किये जायेंगे।
• अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्री-प्राइमरी बाल वाटिकाएं शुरू की जाएंगी। आगामी वर्ष प्रथम चरण में एक हजार स्कूलों में यह बाल वाटिकाएं शुरू की जाएंगी। इस पर 50 करोड़ रूपए वार्षिक खर्च होंगे।
• राजकीय तकनीकी एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में आगामी वर्ष से राजस्थान हायर टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट स्कीम लागू की जाएगी। इस पर 15 करोड़ रूपए का व्यय होगा। साथ ही, विश्वविद्यालयों द्वारा शैक्षिक उन्नयन की परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया जाएगा।
• विश्व के प्रमुख देशों में चरणबद्ध रूप से राजस्थान फाउंडेशन के चैप्टर्स शुरू किए जाएंगे। आगामी वर्ष फाउंडेशन के कार्य को बढ़ाने पर 10 करोड़ रूपए व्यय किए जाएंगे।
• 50 हजार नवीन स्वयं सहायता समूहों का गठन कर लगभग 5 लाख 50 हजार ग्रामीण महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा।
• रिवॉल्विंग फंड एवं कम्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फंड के रूप में 300 करोड़ रुपये तथा बैंकों से ऋण के रूप में 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जायेगी।
• सवाई माधोपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर व दौसा जिलों में ग्रामीण हाट एवं सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।
• वर्ष 2022-23 के बजट में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 7 करोड़ रूपए की नॉन-पैचेबल सड़कें/मिसिंग लिंक स्वीकृत करने की घोषणा की थी। अब इसे संशोधित करते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 10 करोड़ रूपए की नॉन-पैचेबल सड़कें अथवा मिसिंग लिंक स्वीकृत किए जाएंगे।
• प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 1 हजार 147 करोड़ रूपए की लागत से सड़कों के निर्माण एवं अन्य आधारभूत कार्य करवाए जाएंगे।
• प्रदेश के विभिन्न शहरों में बायपास, सड़क, ब्रिज निर्माण कार्यों के लिए डीपीआर बनाई जाएगी।
• ओसियां (जोधपुर) में औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा।
निम्न पेयजल योजनाओं के कार्य कराए जाएंगेः-
• खो-नागोरियान-जयपुर हेतु बीसलपुर बांध आधारित पेयजल परियोजना फेज-द्वितीय का 133 करोड़ 24 लाख रुपये लागत से कार्य करवाया जायेगा।
• जगतपुरा, प्रताप नगर एवं महल रोड, जयपुर के आस-पास के क्षेत्र हेतु बीसलपुर बांध आधारित पेयजल परियोजना फेज-द्वितीय का 184 करोड़ 89 लाख रुपये की लागत से कार्य करवाया जायेगा।
• पृथ्वीराज नगर, जयपुर हेतु बीसलपुर बांध आधारित पेयजल परियोजना, फेज प्रथम, स्टेज-द्वितीय एवं फेज-द्वितीय का 600 करोड़ रुपये की लागत से कार्य करवाये जायेंगे।
• शहरी जल योजना, दौसा के संवर्धन हेतु 126 करोड़ 87 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे।
• महवा शहरी जल योजना के संवर्धन हेतु 62 करोड़ 46 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे।
• नवगठित नगरपालिका थानागाजी-अलवर में ग्रामीण जलप्रदाय योजना को शहरी जलप्रदाय योजना में क्रमोन्नत किया जाकर पेयजल की समुचित व्यवस्था की जायेगी। इस पर 21 करोड़ 86 लाख रुपये की लागत आयेगी।
• ईसरदा बांध परियोजना से जमवारामगढ़ में पानी लाकर पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा।
• बिलाड़ा-जोधपुर में दातिवाड़ा परियोजना के अंतर्गत देवलिया ग्राम से जोलेजी फोजदारा तक बड़ी पाईप लाइन जोड़कर पेयजल उपलब्ध कराने की डीपीआर बनायी जायेगी।
• बस्सी-जयपुर की ग्रामीण जलप्रदाय योजना को शहरी जलप्रदाय योजना में क्रमोन्नत किया जाकर पेयजल की समुचित व्यवस्था की जायेगी। इस पर लगभग 19 करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
• झोटवाड़ा-जयपुर के उद्योग नगर क्षेत्र में पेयजल हेतु 2 हजार किलोलीटर क्षमता की टंकी बनाकर जलप्रदाय की समुचित व्यवस्था की जायेगी। इस पर लगभग 10 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।
• लक्ष्मण डूंगरी-जयपुर में पेयजल की समुचित व्यवस्था हेतु वर्तमान जल प्रणाली में सुधार किया जायेगा। इस पर लगभग 20 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।
• ब्लॉक रोहट-पाली में पेयजल की व्यवस्था हेतु लगभग 28 करोड़ रुपये की लागत से जोधपुर से रोहट-पाली तक पाईप लाईन का कार्य किया जायेगा।
• गुडामलानी एवं चौहटन-बाड़मेर के 7 ब्लॉकों की 1 हजार 42 बस्तियों में 425 आरओ प्लांट लगाये जाकर शुद्ध पीने योग्य जल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जायेगी। इस हेतु 120 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।
• शहरी जल योजना भीण्डर-उदयपुर का 25 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्गठन किया जायेगा।
• श्रीमाधोपुर-सीकर में पेयजल की समस्या के समाधान हेतु कार्य हाथ में लिया जायेगा।
पर्यटन के क्षेत्र में घोषणाएं
• राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 2-2 करोड़ रूपए की लागत से प्रत्येक जिले में वन क्षेत्रों तथा पास के क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए एक-एक इको टूरिज्म लव-कुश वाटिका विकसित की जाएगी।
• जयपुर की विश्व विरासत-चारदीवारी क्षेत्र की हवेलियों, भवनों आदि के संरक्षण, रखरखाव एवं प्रबंधन कार्य हेतु जयपुर हैरिटेज फंड बनाकर आगामी वर्ष 10 करोड़ रुपये के कार्य करवाये जाएंगे।
• कैला देवी जी मंदिर, झील का बाड़ा (बयाना)-भरतपुर के मंदिर परिसर एवं तालाब के जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य करवाये जायेंगे। साथ ही, भैरव जी मंदिर-बांसवाड़ा व गोरेश्वर मंदिर के जीर्णोद्धार व विकास कार्य भी करवाये जायेंगे। इन पर 20 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
• राणा हम्मीर की स्मृति में सवाई माधोपुर में राणा हम्मीर पेनोरमा, अदम्य साहस और स्वाभिमान के धनी दुर्गादास राठौड़ की स्मृति में जोधपुर में वीर दुर्गादास पेनोरमा तथा गोविन्द गुरू की कर्मस्थली छाणी मगरी-डूंगरपुर में पेनोरमा के निर्माण कराये जायेंगे। इन पर 12 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा।
• आज प्रदेश में, आम जन को ई-मित्र के माध्यम से घर के नजदीक 500 से अधिक सेवाएं उपलब्ध करवायी जा रही हैं। इसमें विस्तार करते हुए निजी क्षेत्र की लगभग 200 अन्य जन उपयोगी सेवाएं यथा ई-कामर्स, ई-शिक्षा, कृषि क्षेत्र एवं चिकित्सा परामर्श आदि भी ई-मित्र के माध्यम से उपलब्ध करवायी जायेंगी।
कर्मचारी हित में की गई घोषणाएं ः-
• 1 जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में सेवानिवृत्त हुए राजकीय कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर देय ग्रेच्युटी एवं अवकाशों के बदले नकद भुगतान की गणना उनके सेवानिवृत्ति के समय महंगाई भत्ते की प्रभावी दर से किया जाएगा। इस पर लगभग 400 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आयेगा।
• पिछली सरकार ने 5 अक्टूबर, 2018 को आदेश जारी कर कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल की अवधि को असाधारण अवकाश के रूप में ही स्वीकृत कर उक्त अवधि को क्वालिफाइंग सर्विस हेतु अमान्य करने का निर्णय लिया था। अब कार्मिक हितों को ध्यान में रखते हुए ऎसे स्वीकृत असाधारण अवकाश की अवधि को क्वालिफाइंग सर्विस के रूप में मान्यता दी जाएगी।
• महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत नकद लाभ उनकी स्क्रीनिंग की तिथि से देय था। इन संस्थानों के शिक्षकों की मांग को देखते हुए 1 जनवरी, 2018 एवं इसके पश्चात् देय सी.ए.एस. पदोन्नति का लाभ पात्राता की तिथि से नकद दिया जाना प्रस्तावित है।
• राज्य के विभिन्न सेवा संवर्गों यथा पुलिस कानिस्टेबल, हैड कानिस्टेबल, जेल प्रहरी, होम गार्ड के आरक्षी, नर्सिंग स्टाफ, आबकारी विभाग के कार्मिकों आदि को देय मैस भत्ते की राशि में 01 अप्रेल, 2022 से 10 प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं
• राज्य के समस्त राजकीय एवं अनुदानित आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ ही वृद्ध आश्रम, बेघर व्यक्तियों के गृह आदि में मैस भत्ते की राशि को एक समान करते हुए 2 हजार 500 रुपये प्रति विद्यार्थी/आवासी प्रतिमाह किया जाएगा। साथ ही राजकीय छात्रावासों में मैस व्यवस्था के विस्तार एवं सुधार हेतु आधुनिक उपकरण, डायनिंग टेबल एवं कुर्सी आदि के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
• वेटरनरी शिक्षा में अधिक से अधिक छात्र प्रोत्साहित होकर जुड़ सकें, इस दृष्टि से वर्तमान में देय स्टाइपेंड 3 हजार 500 रुपये को बढ़ाकर 14 हजार रुपये किया जाएगा।
• खमनोर-राजसमंद, मांडण (बहरोड़)-अलवर, कामां, वैर- भरतपुर, बगरू-जयपुर व भणियाणा (पोकरण), फतेहगढ़-जैसलमेर में आईटीआई खोली जायेंगी।
• बायतू-बाड़मेर, गुढ़ा (उदयपुरवाटी), मण्डावा-झुंझुनूं एवं किशनगढ़बास, तिजारा-अलवर में खेल स्टेडियम स्थापित किये जायेंगे। साथ ही, रतनगढ़-चूरू के खेल स्टेडियम में इंडोर स्टेडियम सहित अन्य आधारभूत सुविधायें विकसित की जायेंगी।
• विद्यालयों में विद्यार्थियों के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास की दृष्टि से एपीजे अब्दुल कलाम पर्सनलिटी डवलपमेंट प्रोग्राम प्रारंभ किया जायेगा। इसके अंतर्गत, शिक्षा की दृष्टि से मेधावी एवं विभिन्न सह-शैक्षणिक गतिविधियों व सांस्कृतिक लोक कलाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले एक हजार विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत देश के अन्य राज्यों में भेजा जायेगा।
• प्रदेश में तिजारा-अलवर, शाहबाद-बारां, गुडामालानी-बाड़मेर एवं सवाई माधोपुर में कृषि महाविद्यालय खोले जायेंगे। साथ ही, जोबनेर-जयपुर, कुशलगढ़-बांसवाड़ा व श्रीडूंगरगढ़-बीकानेर में सहायक निदेशक (कृषि विस्तार) के कार्यालय खोले जायेंगे।
• प्रदेश में टांटोटी (केकड़ी)-अजमेर, टहला (थानागाजी)-अलवर, पूगल (खाजूवाला)-बीकानेर, चौरासी, रामसागड़ा-डूंगरपुर, पावटा-जयपुर, सांकड़ा (पोकरण), रामगढ़-जैसलमेर, कालन्द्री-सिरोही, हिन्दूमलकोट- श्रीगंगानगर, भचुण्डला-प्रतापगढ़, मण्डरायल (सपोटरा)-करौली, नेछवा (लक्ष्मणगढ़)-सीकर व चौथ का बरवाड़ा-सवाई माधोपुर में राजकीय महाविद्यालय खोले जाएंगे। साथ ही, दूदू-जयपुर, खींवसर-नागौर, प्रतापगढ़-अलवर, बड़ा गुढ़ा (सोजत)-पाली व फतेहपुर, श्रीमाधोपुर-सीकर में राजकीय कन्या महाविद्यालय खोले जायेंगे।
• प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थाओं और कोचिंग केन्द्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए उनकी समस्याओं का भी समुचित समाधान करने की दृष्टि से प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस रेगुलेशन एंड फेसिलिटेशन बोर्ड का गठन किया जाएगा।
• युवाओं को स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए राज्य सरकार एवं निजी क्षेत्र के संयुक्त सहयोग से रियायती मूल्य पर राज्य में आगामी वर्ष में 3 हजार 300 लघु वाणिज्यिक वाहन उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। इस हेतु 20 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।
• महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में सहरिया, कथौड़ी जनजाति व राज्य के विशेष योग्यजन श्रमिकों को भी आर्थिक संबल प्रदान करने की दृष्टि से 100 दिवस के स्थान पर 200 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया था। इसकी निरन्तरता में आगामी वर्ष में भी इन्हें 200 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।
• कैलादेवी (सपोटरा)-करौली व विराट नगर-जयपुर में पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय खोले जायेंगे।
• बगड़ तिराया (रामगढ़)-अलवर, जसोल (पचपदरा)-बाड़मेर, सिरोही सदर-सिरोही, अलसीसर (मंडावा), मेहाड़ा (खेतड़ी)-झुंझुनूं, माधोराजपुरा (चाकसू)-जयपुर, मामचारी (सपोटरा)-करौली एवं नासिरदा (देवली)-टोंक में नवीन पुलिस थाने खोले जायेंगे।
• टिमेड़ा बड़ा (कुशलगढ़)-बांसवाड़ा, पीह (परबतसर)-नागौर, छाण (खंडार)-सवाई माधोपुर, मिथोद (पीपल्दा)-कोटा व सेवर (बाड़ी)-धौलपुर में नवीन पुलिस चौकी खोली जायेंगी।
• प्रदेश के नगर पालिका मुख्यालयों पर स्थित 150 पुलिस थानों में से 108 सीआई स्तर के पुलिस थाने हैं। आगामी वर्ष शेष रहे एसआई स्तर के 42 पुलिस थानों को भी सीआई स्तर के थानों में क्रमोन्नत किया जायेगा।
• आगामी वर्ष में चौहटन-बाड़मेर व घड़साना-श्रीगंगानगर में वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट न्यायालय खोले जायेंगे।
• नागौर में विशेष न्यायालय (पोक्सो एक्ट) खोला जायेगा।
• ओसियां-जोधपुर में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्टे्रट न्यायालय को वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट न्यायालय में क्रमोन्नत किया जायेगा।
• सीकर में एन. आई. एक्ट न्यायालय खोला जायेगा।
• धोद-सीकर, मसूदा-अजमेर, पीपलू-टोंक, सरमथुरा-धौलपुर, बिलाड़ा- जोधपुर व सलूम्बर-उदयपुर में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्टे्रट न्यायालय खोले जाएंगे।