राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वावधान में राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2023 की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार को आयोजन किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर व जयपुर सहित राजस्थान प्रदेश के समस्त अधीनस्थ न्यायालयों, अधिकरणों, आयोगों, उपभोक्ता मंचों, राजस्व न्यायालयों, आदि में आयोजित इन अदालतो में कुल 38,67,694 प्रकरणों का लोक अदालत की भावना से जरिए राजीनामा निस्तारण किया गया, जिसमें कुल 14,54,22,63,015/- रुपये की राशि के अवॉर्ड पारित किये गये। राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ, जोधपुर द्वारा 233 प्रकरण व जयपुर पीठ द्वारा 941 प्रकरणों का राजीनामे के माध्यम से निस्तारण किया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (NI Act) के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद, कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के प्रकरण, सहित अन्य लंबित प्रकरण प्राधिकारियों के समक्ष लोक अदालत में रखे गये।
राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ, जयपुर में न्यायाधिपति एमएम श्रीवास्तव, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के पदासीन न्यायाधिपतिगण एवं सेवानिवृत्त न्यायाधिपतिगण, राजस्थान उच्च न्यायालय रजिस्ट्री एवं रालसा के पदाधिकारीगण अणि आकारगण कर्मचारी एवं विधि विद्यार्थीगण की मौजूदगी में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने कहा कि लोक अदालत अब हमारी कानूनी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 39 क में प्रदत्त ‘सभी के लिए समान न्याय एवं निःशुल्क कानूनी सहायता को साकार करने में राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्वपूर्ण भूमिका है ।