आर्थिकदिल्ली

मौद्रिक नीति की समीक्षा, एक बार फिर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार दसवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है। यह दर 6.5% पर बरकरार रखी गई है, जैसा कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिन की बैठक के बाद घोषणा की। समिति के छह में से पांच सदस्यों ने इस दर को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया। इसका मतलब है कि लोन की किस्तों में कोई बदलाव नहीं होगा, यानी आपके होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन की ईएमआई जस की तस रहेगी। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है, और इसके कम होने पर लोन की ईएमआई में कमी होती है। आखिरी बार रेपो रेट में फरवरी 2023 में 0.25% की बढ़ोतरी कर इसे 6.5% किया गया था।
शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, मौद्रिक नीति ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सफलता प्राप्त की है। समिति ने नीति के रुख को तटस्थ बनाए रखने का फैसला किया है। बेहतर मानसून और पर्याप्त बफर स्टॉक से भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आने की उम्मीद है। आर्थिक संकेतक यह बता रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत आधार पर टिकी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि मौद्रिक नीति का लचीला ढांचा अब आठ साल पूरे कर चुका है।
रेपो रेट में कटौती की उम्मीद फिलहाल नहीं जताई जा रही है, क्योंकि खुदरा महंगाई अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिम एशिया में जारी संकट के कारण कच्चे तेल और अन्य जिंसों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम है। सरकार ने आरबीआई को निर्देश दिया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर 4% (2% ऊपर या नीचे) के दायरे में रखी जाए।

Related posts

राजस्थान में रहेंगे गहलोत: पायलट के लिए पार्टी के पास तीन प्लान

Clearnews

42 करोड़ भारतीयों के फ़ोन में घुसा ‘स्पिन ओके’ नाम का जासूस, केंद्र ने एप स्टोर से एप डिलीट करवाया

Clearnews

केंद्रीय बजटः टैक्स कलेक्शन बढ़ा पर टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

Clearnews