राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल ने साक्षी मलिक मामले में भाजपा को घेरा है। ट्वीट कर बेनीवाल ने कहा की भारतीय कुश्ती महासंघ में तानाशाही चला रहे बाहुबली सांसद पर लगे आरोपों के बाद देश की पहलवान बेटियों के आंदोलन को केंद्र में बैठी भाजपा सरकार द्वारा अनदेखा किया गया। अब फिर से उसी सांसद के करीबी को कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाने से आहत होकर समाज की बेटी साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का फैसला किया और पहलवान बजरंग पुनिया ने भी सरकार के तानाशाही से आहत होकर अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया।
बेनीवाल ने सवाल उठाया कि जब बंगाल के एक सांसद देश के उप राष्ट्रपति की मिमिक्री करने की बात को देश की लोक सभा और राज्य सभा में बैठे भाजपा
के जाट समाज के सांसद और खुद उपराष्ट्रपति कौम का अपमान बता रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता और नेता उस मिमिक्री को जाटों का अपमान बता रहे है, तो क्या देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर रोशन करने वाली पहलवान बेटियों के साथ जब अन्याय हुआ, जब जंतर मंतर पर उन्होंने आंदोलन किया और अब जिस तरह आहत होकर कुश्ती छोड़ने और पद्मश्री लौटाने जैसे फैसले पहलवानों ने किए तो जाट सांसद और उपराष्ट्रपति खामोश क्यों हैं?
बेनीवाल ने कहा की उनको पहलवानो से जुड़े मामले में समाज का अपमान क्यों नजर नहीं आ रहा है? देश के अन्नदाता जब सड़को पर बैठे थे, एक हजार से अधिक किसानों ने काले कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन में शहादत दी तब भी धनखड़ साहब और भाजपा के जाट सांसद चुप रहे, क्या वो भाजपा के दबाव में अब भी चुप रहेंगे या देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर रोशन करने वाले समाज के पहलवानों के पक्ष में अपनी बात रखेंगे? भाजपा के जाट सांसदो को भी अब अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है।