यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बुधवार को अपने दुर्लभ विदेश दौरे पर निकले। पुतिन ने खाड़ी के दो सबसे अहम देशों यूएई और सऊदी अरब की यात्रा की। पुतिन ने सबसे पहले यूएई के राष्ट्रपति से मिले। अमेरिका के करीबी सहयोगी देश यूएई में पुतिन के स्वागत के लिए लाल कालीन बिछाई गई थी और हर तरफ रूसी झंडे दिखाई दे रहे थे।
इसके बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन सऊदी अरब की यात्रा पर पहुंचे जहां प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उनका दिल खोलकर स्वागत किया। पुतिन ने खाड़ी देशों की यह यात्रा ऐसे समय पर की है जब इजरायल और हमास के बीच जोरदार युद्ध चल रहा है। यही नहीं, इस पूरे इलाके में हजारों की तादाद में अमेरिकी सैनिक और महाविनाशक परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात हैं। अमेरिका और पश्चिमी देशों के इसी खतरे को देखते हुए पुतिन पहली बार देश के सबसे आधुनिक सुखोई-35 फाइटर जेट के साथ खाड़ी देशों की यात्रा पर पहुंचे थे।
President Putin was on a state visit to the UAE as well as Saudi Arabia,
His plane which arrived in the United Arab Emirates was escorted by four Russian Su-35 fighter jets. Special permits were obtained from a number of states for the overflight of the fighter jets. pic.twitter.com/1A2IJfNHEx— Edward (@DonKlericuzio) December 6, 2023
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट
दरअसल, यूक्रेन पर हमले की वजह से पुतिन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है और रूसी राष्ट्रपति विदेश यात्राओं से बच रहे हैं। यहां तक कि पुतिन जी-20 सम्मेलन के दौरान भारत की यात्रा पर नहीं आए थे। पुतिन अब तक अपने कई विदेश दौरों को कैंसिल कर चुके हैं। पुतिन खाड़ी देशों की इस यात्रा को अपने 2-96पीयू विमान से की, जिसे चलता-फिरता किला कहा जाता है। पुतिन के साथ 4 सुखोई-35 फाइटर जेट चल रहे थे। इन फाइटर जेट ने रूसी राष्ट्रपति की पूरी यात्रा के दौरान साये की तरह से उनकी सुरक्षा की। यूएई और सऊदी अरब ने अभी तक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत के साथ समझौते को मंजूरी नहीं दी है।
पुतिन के विमानों में लगी थीं किलर मिसाइलें
इसी वजह से पुतिन गिरफ्तारी के डर के बिना सऊदी अरब और यूएई की धरती पर कदम रख सके। विश्लेषकों का मानना है कि सुखोई फाइटर जेट के साथ आना एक तरफ जहां पुतिन के डर को जता रहा था, वहीं रूसी राष्ट्रपति ने अपने सबसे घातक फाइटर जेट के साथ यात्रा करके दुनिया के सामने अपनी बेजोड़ ताकत का प्रदर्शन किया। यही नहीं, रूस ने इन विमानों को दिखाकर खाड़ी देशों को ललचाने की भी कोशिश की ताकि वे इसे खरीद लें। यूक्रेन युद्ध के बाद से ही रूसी हथियारों की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
घातक मिसाइलों से लैस हैं फाइटर जेट
रूस के ये चारों ही फाइटर जेट आर-77 और आर-73 एयर टु एयर मिसाइलों से लैस थे। इससे पहले भी रूस ने वीवीआईपी वमिानों को सुरक्षा देने के लिए फाइटर जेट तैनात किए हैं लेकिन इतने देशों के हवाई क्षेत्र से गुजरते हुए पुतिन के विमान प्स-96 को सुरक्षा देने के लिए 4 फाइटर जेट ले जाना पहली बार हुआ है। रूसी विमानों की तैनाती पर क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि पुतनि के विमान के दौरे के दौरान 4 सुखोई विमान साथ चल रहे थे जो रूसी हवाई ठिकाने से उड़े थे। इन विमानों पर विभिन्न तरीके के हथियार लगे हुए थे। बताया जा रहा है कि इतने देशों के ऊपर से फाइटर जेट के उड़ान भरने के लिए रूस ने विशेष मंजूरी ली थी।
किस रास्ते से यूएई पहुंचा रूसी राष्ट्रपति का विमान
रूसी राष्ट्रपति का विमान कैस्पियन सागर और ईरान के ऊपर से होकर यूएई पहुंचा था। बता दें कि सुखोई-35 फाइटर जेट में यूएई ने भी रुचि दिखाई है लेकिन अभी तक यह समझौता नहीं हो सका है। यूएई के पास अमेरिकी एफ-16 से लेकर राफेल फाइटर जेट तक मौजूद हैं। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति ने सुखोई विमानों को लाकर खाड़ी देशों को ललचाने की कोशिश की है। रूस इस विमान को ईरान को भी बेच रहा है, जो यूएई और सऊदी का धुर विरोधी देश है।