राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने एक बार फिर बगावती तेवर अपना लिये। उन्होंने मंगलवार 9 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, ‘धौलपुर में सम्मानीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाषण को सुनने के बाद मुझे समझ आ गया है कि मुख्यमंत्री जी की नेता आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधीजी नहीं है बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधियाजी हैं । ‘
पायलट ने कहा कि वे आमजन के बीच जाकर उनके मुद्दे उठाएंगे और इसके लिए 11 मई को अजमेर से जयपुर तक 125 किलोमीटर लंबी जनसंघर्ष यात्रा की शुरुआत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह यात्रा किसी के विरुद्ध नहीं बल्कि आम लोगों के समर्थन मे है। जो लोग पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं, ऐसा नही होने देगें। जनता सबसे बडी होती हैं, हम जनता के बीच जायेगें।
पायलट ने सीएम गहलोत के धौलपुर में दिये गये भाषण के संदर्भ में कहा, ‘एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने के काम भाजपा कर रही थी और दूसरी तरफ कहा जाता है कि सरकार को बचाने का काम वसुंधरा जी कर रही थीं। तो, यह जो विरोधाभास है, इसको समझाना चाहिए। आप कहना क्या चाह रहे हैं, यह स्पष्ट कर देना चाहिए।‘
पायलट ने कहा, आप सबको मालूम है कि सरकार बनने के बाद मैं प्रदेश का उपमुख्यमंत्री था, प्रदेश अध्यक्ष था। और, वर्ष 2020 में देशद्रोह.. राष्ट्रद्रोह के मुकदमें में..मेरे ऊपर कार्रवाई करने की कोशिश की गयी थी। अनेक ऐसे प्रकरण हुए। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं और हमारे साथी सरकार में नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे। अपनी बात को लेकर हम दिल्ली भी गये और अपनी बातों को रखा। उसके बाद ढाई साल कर सब कुछ ठीक से चला।
पायलट ने कहा, मुझे बहुत कुछ कहा गया, कोरोना, गद्दार, निकम्मा आदि और ये जो आरोप परसों लगाये गये वो ढाई साल से मैं सुन रहा था। लेकिन, हम अपनी पार्टी को सरकार की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पहली देखा बार लगा कि अपनी सरकार को, अपने ही विधायकों को और अपने नेताओं को बेइज्जत और बदनाम करने का काम किया गया। कांग्रेस के नेताओं को बदनाम करने काम हो रहा है और भाजपा के नेताओँ का गुणगान हो रहा है। ये समझ से परे है।
पायलट यहीं पर नहीं रुके और उन्होंने कहा कि हेमाराम चौधरी और बृजेन्द्र ओला जैसे नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं। सीएम के आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं। मैं इन आरोपों की निंदा करता हूं। पायलट बोले अगर नेता बिक गए तो आपने तीन साल में कार्रवाई क्यों नहीं की। सोनिया गांधी ने 25 सितंबर को माकन और खड़गे को जयपुर भेजा था। जयपुर में बैठक नहीं होना गद्दारी थी। इस्तीफा दिलवाना गद्दारी थी।
यहां सुनिए सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्या कहा
उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने रविवार, 7 मई को धौलपुर के राजखेड़ा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल को लेकर बयान दिया था। गहलोत ने राज्य में कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरे होने पर सरकार पर आए रातनीतिक संकट के संदर्भ में कहा कि राजे और मेघवाल को इसकी जानकारी थी लेकिन उन्होंने इनका साथ नहीं देकर राजस्थान की पंरपरा को निभाया। यह अच्छी बात है।