जयपुर। राजस्थान सरकार सड़क दुर्घटनाओं में 50 फीसदी कमी लाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने जा रही है। जल्द ही इसके लिए संबंधित विभागों की बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे और सड़क सुरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हेलमेट वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। भीलवाड़ा जिले में 15 हजार पशुपालकों को सुरक्षा की दृष्टि से भीलवाड़ा डेयरी की ओर से हेलमेट का वितरण किया जाएगा। गहलोत ने दो पशुपालकों भंवरलाल जाट और नानूराम कुमावत को सड़क सुरक्षा अग्रदूत के रूप में हेलमेट पहनाकर कार्यक्रम की शुरूआत की।
इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि सरकार प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 50 फीसदी कमी लाने की कार्ययोजना बनाएगी। इसके लिए जल्द ही सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई जाएगी और सड़क सुरक्षा को अनिवार्य रूप से स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा।
गहलोत ने कहा कि सरकार लक्ष्य बनाकर प्रयास करेंगी, जिससे प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष होने वाली दस हजार मौतों की संख्या में कमी लाकर इसे आधा किया जा सकेगा। इसके लिए रोड सेफ्टी को लेकर जल्द ही उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ समय से सड़कों की स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन इन पर तेज रफ्तार से दौड़ते वाहनों के कारण दुर्घटनाएं भी बढ़ी है। ऐसे में पुलिस और परिवहन सहित अन्य संबंधित विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर जागरुकता अभियान चलाएं। सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मृत्यु के शिकार दुपहिया वाहन चालक अधिक होते हैं, यदि वे हेलमेट पहनकर वाहन चलाएं तो दुर्घटना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश में मोटरयान अधिनियम-2019 लागू करने के पीछे सरकार की मंशा यही है कि लोगों को दुर्घटनाओं से बचाया जाए। सरकार ने जनहित को ध्यान में रखकर तर्कसंगत आधार पर जुर्माना राशि का निर्धारण किया है।
भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष और विधायक रामलाल जाट ने कहा कि भीलवाड़ा डेयरी की ओर से करीब तीन हजार दुग्ध उत्पादकों को रोड सेफ्टी का प्रशिक्षण दिया गया है। राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी के सहयोग से अच्छी गुणवत्ता के 15 हजार हेलमेट पशुपालकों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।