दिल्लीराजनीति

संसद टीवी पर 73 बार पीएम मोदी, केवल 6 बार राहुल गांधी को दिखाया गया…कुढ़ गयी कांग्रेस..!

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को एक साथ संबोधित किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस ने संसद टीवी पर सवाल उठाया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान पीएम मोदी को ज्यादा और राहुल गांधी को कम दिखाया गया।
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 5 सालों के लिए नई सरकार के रोडमैप की रूपरेखा सामने रखी। राष्ट्रपति के अभिभाषण के खत्म होने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं ने परियोजनाओं के इस रोड मैप को सरकार की झूठ पर आधारित पटकथा बताया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने एक बड़ा दावा भी किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि जब राष्ट्रपति मुर्मू अभिभाषण दे रही थी तो उस वक्त पीएम मोदी को अधिक और राहुल गांधी को कम बार दिखाया गया। जयराम रमेश ने पोस्ट में लिखा-51 मिनट के राष्ट्रपति के संबोधन में किसको कितनी बार दिखाया गया ? नेता सदन नरेंद्र मोदी -73 बार, प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी- 6 बार, सरकार- 108 बार, विपक्ष -18 बार। संसद टीवी सदन की कार्यवाही दिखाने के लिए, कैमराजीवी की आत्ममुग्धता के लिए नहीं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने भी साधा केंद्र पर निशाना
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में 1975 में लागू आपातकाल का उल्लेख किया और इसे ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा एवं काला अध्याय’ करार देते हुए कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के, मोदी सरकार लिखित’ अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव के जनादेश को नकारने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति से ‘झूठ बुलवाकर’ अपनी वाहवाही करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि देश की जनता उन्हें नकार चुकी है।
अखिलेश यादव ने भी कसा केंद्र सरकार पर तंज
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत के दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के सरकार के दावे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कहानी बताई जा रही है। क्या उसने हमारे किसानों को समृद्ध बनाया है? अगर हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? अग्निवीर जैसी योजना क्यों है? महंगाई पर नियंत्रण क्यों नहीं किया जा सकता?

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